इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी पाठ 10 ‘सूर्य (Surya Class 11 Hindi) ‘ के सारांश और व्याख्या को पढ़ेंगे।
10. सूर्य
लेखक-ओदोलेन स्मेकल
लेखक ओदोलेन स्मेकल द्वारा लिखा गया ‘‘सूर्य’’ के इस पाठ सूर्य के बारे में अधिक जानकारी ली गई है।
लेखक कहते हैं आखिर सूर्य क्या है? क्या यह एक पहिए वाला सुनहरा रथ है क्या, यह वह देखता है? जो पुरे संसार के गतिविधियों पर नजर रखता है, आखिर ये है क्या?
लेखक के अनुसार जो भारतीय पौराणि कथाओं के अनुसार सूर्य के माता एवं पिता अदिति एवं कश्यप जिसके आठ बच्चे हैं। जिसमें बताया गया है कि सूर्य उन में से आठवाँ बच्चा जो एक अंडे की आकार के है। जिससे उनका माता-पिता उन्हें परित्याग कर देते हैं। दुसरा किस्सा के मुताबिक अदिति के सात पत्र बताया गया है। जिसे ब्रहमांड की सृजन करने को कहा जाता है। लेकिन इसमें वे सब असमर्थ रहें। क्योंकि वे सिर्फ जन्म को हीं जानतें है मृत्यु को नहीं। वे दिन-रात कि सृजन करते हैं। सूर्य को जीवन एवं मृत्यु की प्रतिक माने जाते हैं। इनकी विवाह विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से होती है। जिससे उनके तीन बच्चे भी हुए। 1. वैवस्वत 2. यम एवं यमुना।
लेकिन यहाँ पर सूर्य का तेज संज्ञा नहीं कर पाता और वह अपनी छाया को सूर्य के पास छोड़ घोड़ी के रूप ग्रहण तप करने चली जाती है। छाया से शनि, सावर्णि मनु एवं तपति नाम के तीन पुत्र जन्म लिए। सूर्य के सारथी का नाम अरूण है सूर्य संज्ञा को ढ़ुढ़ने के लिए पुरे ब्रहमांड को ढ़ुढ़ते है संज्ञा के दो बच्चे जिनका नाम नासत्य एवं दस जिन्हें अश्चिनी कुमार कहा जाता है। रामजी का जन्म भी सूर्यवंश में हुआ था। जो विष्णु के सातवं अवतार बताए गए हैं। सूर्य की पुजा प्रत्येक महिने अलग-अलग नाम से की जाती है। साथ सूर्य के अलग-अलग कार्य के अनुसार नाम भी दिया गया है। लेखक कहते हैं कि ज्ञानवय ऋषि वेदों की शिक्षा सूय से ही की है। गरूड़ को भी सूर्य का प्रतिक माना जाता है। क्योंकि जिस तरह सूर्य अंधकार को खा जाता है ठीक उसी तरह साँप रूपी अंधार गरूड़ खा लेती है। भारत में कोणार्क का सूर्य मंदिर सबसे ज्यादा प्रचलित है।
फ्रांस के लोग तो सूर्य को मिथरा कहते है जो सभी दुःख को हरता है होमर द्वारा सूर्य देवता को देवताओं का हाईप्रियन पिता कहा गया है। सूर्य को अहुरमज्दा की आँख और तेज घोड़ा कहा जाता है मिथराई के अनुसार सूर्य का जन्म 25 दिसम्बर को हुआ है। जिसे क्रिसमस के रूप में माना जाता है। ऋगवेद में सूर्य को ईश्वर की सबसे खुबशुरत कहा गया है। प्रचीन भारत में भी सूर्य के मंदिर को आदित्य गृह कहा जाता है। लेखक का मानना है कि सूर्य का पूजा सिर्फ बिहार में ही बहुत बड़े स्तर पर की जाती है जैसे छठ पूजा बड़े हीं लोकप्रियता से मनाई जाती है। काफिरिस्तान जो अफ्गानिस्तान एवं पाकिस्तान के सीमा पर है। वहाँ पर भी सूर्य की पूजा की जाती है।
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