इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी पाठ 12 ‘गाँव के बच्चों की शिक्षा (Gao Ke Baccho Ki Shiksha class 11th Hindi)’ के सारांश और व्याख्या को पढ़ेंगे।
12. गाँव के बच्चों की शिक्षा
लेखक-कृष्ण कुमार
कृष्ण कुमार इस पाठ के माध्यम से लेखक बचपना की शिक्षा के बारे में विशेष रूप से प्रकाश डाला है। उन्होंने अपनी प्राईमरी स्कूल की पढ़ाई करने के बाद अपने चाचा के पास शहर जाकर माध्यमिक शिक्षा भी पुरी कर ली। माध्यम शिक्षा पुरा करने के बाद वह उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए प्रतियोगिता में चुने जाते हैं। अब उनकी उच्च स्तरी शिक्षा ग्रहण करने के लिए फ्रांस जाना होगा। जब फ्रांस जाने की समय होती है और रिश्तेदारो एवं गाँव वालों से बिदाई लेते है लेकिन उस भीड़ में उसकी माँ झोंपड़ी में बैठी रो रही है। किसी तरह अपनी माँ का आर्शिवाद लेते हैं और लेखक का कहना है कि कैमरा लिए कहता है कि शिक्षा समाज में एक दवाई की तरह काम करता है। माननीय मंत्री जी के प्रति पश्चताप करते हैं क्योंकि पिछले 50 सालो से किसी भी बच्चों के पास शिक्षा नहीं पहुँची लेकिन फिर भी वादे किए जा रहें हैं। लेखक कहते हैं कि लड़का एवं लड़कियों के पास पहुँचने से पहले हमें ये विचार करना चाहिए कि बच्चे शिक्षा के माध्यम से क्या सिखेंगे। लेखक का मानना है सभी जगहों पर जैसे जमीन, जंगल, पानी, खनीज एवं अन्य मानों संसाधनों पर पुँजीपतियों का अधिकार जताया जाता है लेखक कहते हैं कि राजनितिक में अपराध एवं हिंसा का छाया का परिणाम छोटे-छोटे किसान महिलाएँ एवं आदिवासियों को शिकार होना पड़ता है। लेखक का मानना है कि अगर हमें इस भ्रष्ट नौकर साही राजनितिक नेताओं के काले कारणामें को खत्म करने के लिए राष्ट्र के विकाश के लिए सभी लोगों को शिक्षित बनना होगा। यानी की समाज में शिक्षा को अधिक कारगर बनना होगा। प्राथमिक शिक्षकों की गुणवता मे बदलाव एवं विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की स्तर में सुधार, यदि इन सभो में सुधार नहीं होता है तो लेखक का मानना है कि होसियार बच्चा कमरा ल्ये जैसे गाँव छोड़कर, शहर, शहर छोड़कर राजधानी एवं राजधानी को छोड़कर विदेश जाने को मजबुर हो जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे यहाँ उच्च स्तरीय ग्रामीण एवं पंचायत स्तर पर शिक्षा का अभाव जब गाँवों में देखा जाता है कि सबसे ज्यादा स्त्री पुरूष अनपढ़ अंधविश्वास मुर्ख मालुम पड़ते हैं। लेखक कहते हैं जो पंचायती राज्य व्यवस्था में जो नारा लगाये जाते है वह सिर्फ सिर्फ नारा हीं बनकर रह जाता है और जमीन, जंगल, पानी, शिक्षा को लेकर लड़ाई होने लगती है। बहुत ऐसे जगहों पर देखा जाता है जहाँ पानी तो नहीं लेकिन शराब की उपलब्धि जरूर होती है। इसमें गौर से देखा जाए तो इसमें शिक्षा का सुधार और उसकी प्रक्रिया को फिर से बदल देने का इरादा शामिल हैं। Gao Ke Baccho Ki Shiksha class 11th Hindi
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