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Karbak class 12 bhawarth & Objective | कड़‍बक का व्‍याख्‍या तथा भावार्थ

October 10, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में कक्षा 12 हिंदी पद्य भाग के पाठ एक ‘कड़‍बक (Karbak class 12 bhawarth & Objective)’ के सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे। जिसके लेखक मलिक मुहम्‍मद जायसी हैं।

पद्य भाग
कड़‍बक कविता का अर्थ | Karbak Class 12
1.कड़‍बक
कवि – मलिक मुहम्‍मद जायसी

जायसी निर्गुण भक्ति धारा के प्रेममार्गी शाखा के प्रमुख कवि है।
जायसी का जन्म सन् 1492 ई० के आसपास माना जाता है। वे उत्तर प्रदेश के जायस नामक स्थान के रहनेवाले थे।
उनके पिता का नाम मलिक शेख ममरेज (मलिक राजे अशरफ) था ।
जायसी कुरुप व काने थे।
चेचक के कारण उनका चेहरा रूपहीन हो गया था तथा बाईं आँख और कान से वंचित थे।
उनकी 21 रचनाओं के उल्लेख मिलते हैं जिसमें पद्मावत, अखरावट, आखिरी कलाम, कहरनामा, चित्ररेखा, कान्हावत आदि प्रमुख हैं।
उनकी प्रसिद्ध रचना पद्मावत में चितौड़ राजकुमार रतनसेन, सिंहल द्विप की राजकुमारी पद्मावती और दिल्‍ली सलतनत के सुल्‍तान अलाउद्दीन खिलजी की कहानी है।
जायसी की मृत्यु 1548 के करीब हुई।
मलिक मुहम्‍मद जायसी ‘प्रेम के पीर’ के कवि हैं। इस पाठ में दो कड़बक प्रस्तुत किया गया है। पहला कड़बक पद्मावत के प्रारंभिक छंद तथा दूसरा कड़बक पद्मावत के अंतिम छंद से लिया गया है। प्रथम कड़बक में कवि अपने रूपहीनता और एक आंख के अंधेपन के बारे में कहते हैं। वह रूप से अधिक अपने गुणों की ओर अपना ध्‍यान खींचते हैं।

द्वितीय कड़बक में कवि अपने काव्‍य और उसकी कथासृष्टि के बारे में हमें बताते हैं। वह कहते हैं कि मनुष्‍य मर जाता हैं पर उसकी कीर्ति सुगंध की तरह पीछे रह जाती है।

कड़बक
(1)
एक नैन कबि मुहमद गुनी | सोई बिमोहा जेइँ कबि सुनी |

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के अंश है जिसमे कवि कहते है कि एक नैन के होते हुए भी जायसी गुणी (गुणवान) है। जो भी उनकी काव्य को सुनता है वो मोहित हो जाता है।

चाँद जईस जग विधि औतारा | दीन्ह कलंक कीन्ह उजिआरा |
जग सूझा एकइ नैनाहाँ | उवा सूक अस नखतन्ह माहाँ ।

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पदमावत के अंश है जिसमें कवि कहते है ईश्वर ने उन्हें चंद्रमा की तरह इस धरती पर उतारा लेकिन जैसे चंद्रमा में कमी है वैसे ही कवि मे भी फिर भी कवि चंद्रमा की तरह अपने काव्य की प्रकाश पूरे संसार में फैला रहे है |

जिस प्रकार अकेला शुक्र नक्षत्रों के बीच उदित है। उसी प्रकार कवि ने भी अपनी एक ही ऑख से इस दुनिया को भली-भांति समझ लिया है।

जौ लहि अंबहि डाभ न होई | तौ लहि सुगन्ध बसाइ न सोई।

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पदमावत के अंश है जिसमे कवि कहते हैं कि जबतक आम मे नुकीली डाभ (मंजरी) नहीं होती तबतक उसमे सुगंध नहीं आती।

कीन्ह समुन्द्र पानि जौ खारा | तौ अति भएउ असुझ अपारा |

प्रस्तुत पंक्तियों मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पदमावत के अंश है जिसमे कवि कहते हैं कि समुन्द्र को पानी खारा है इसलिए ही वह असूझ और अपार है।

जौ सुमेरु तिरसूल बिनासा | भा कंचनगिरि आग अकासा |

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पदमावत के अंश है जिसमे कवि कहते है कि जबतक सुमेरु पर्वत को त्रिशूल से नष्ट नहीं किया गया तबतक वो सोने का नहीं हआ।

जौ लहि घरी कलंक न परा | कॉच होई नहिं कंचन करा |

प्रस्तुत पंक्तियों मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के अंश है जिसमे कवि कहते हैं कि जबतक घेरिया (सोना गलाने वाला पात्र) में सोने को गलाया नहीं जाता तबतक वह कच्ची धातु सोना नहीं होती | Karbak class 12 bhawarth & Objective

एक नैन जस दरपन औ तेहि निरमल भाउ |
सब रूपवंत गहि मुख जोवहि कइ चाउ ||

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पदमावत के अंश है जिसमें कवि कहते हैं कि वे एक नैन के होते हए भी दर्पण की तरह निर्मल और स्वच्छ भाव वाले है और उनकी इसी गुण की वजह से बड़े-बड़े रूपवान लोग उनके चरण पकड़ कर कुछ पाने की इच्छा लिए उनके मुख की तरफ ताका करते हैं।

( 2 )
मुहमद कबि यह जोरि सुनावा | सुना जो पेम पीर गा पावा॥
जोरी लाइ रकत कै लेई । गाढ़ी प्रीति नयनन्ह जल भेई॥

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के अंश है जिसमें कवि अपने काव्य के बारे में बताते हए कहते हैं कि मैंने (मुहम्मद) यह काव्य रचकर सुनाया है और जिसने भी इसे सुना उसे प्रेम की पीड़ा का अनुभव हुआ | मैंने इस काव्य को रक्त की लेई लगाकर जोड़ा है तथा गाढ़ी प्रीति को आँसुओं के जल मे भिंगोया है।

औ मन जानि कबित अस कीन्हा। मक यह रहै जगत महँ चीन्हा॥
कहाँ सो रतनसेन अस राजा | कहाँ सुवा असि बुधि उपराजा॥
कहाँ अलाउदीन सुलतानू । कहँ राघौ जेई कीन्ह बखानू॥
कहँ सुरूप पदुमावति रानी | कोइ न रहा, जग रही कहानी॥

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के अंश हैं जिसमें कवि कहते हैं कि मैंने इसका काव्य की रचना यह जानकार की कि मेरे ना रहने के बाद इस संसार मे मेरी आखिरी निशानी यही हो । अब न वह रत्नसेन है और न वह रूपवती पद्मावती, न वह बुद्धिमान सुआ है और न राघवचेतन या अलाउद्दीन है। आज इनमें से कोई भी नहीं लेकिन यश के रूप में इनकी कहानी रह गई है।

धानि सोई जस कीरति जासू । फूल मरै, पै मरै न बासू॥

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के अंश है जिसमें कवि कहते है कि वह पुरुष धन्य है जिसकी कीर्ति और प्रतिष्ठा इस संसार में है उसी तरह रह जाती है जिस प्रकार पुष्प के मुरझा जाने पर भी उसका सुगंध रह जाता है।

केइँ न जगत जस बेंचा, केइ न लीन्ह जस मोल |
जो यह पढ़ कहानी, हम सँवरै दुइ बोल॥

प्रस्तुत पंक्तियाँ मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के अंश है जिसमें कवि कहते हैं इस संसार मे यश न तो किसी ने बेचा है और न ही किसी ने खरीदा है। कवि कहते हैं कि जो मेरे कलेजे के खून से रचित कहानी को पढ़ेगा वह हमे दो शब्दों मे याद रखेगा।

पद्य-खण्‍ड
1. कड़बक : मलिक मुहम्‍मद जायसी

प्रश्न 1. कवि मलिक मुहम्‍मद जायसी का कब जन्‍म हुआ था?
(क)  15वीं शती उतरार्ध, अनुमानता: 1490
(ख)  15वीं शती उतरार्ध, अनुमानता: 1491
(ग)  15वीं शती उतरार्ध, अनुमानता: 1492
(घ)  15वीं शती उतरार्ध, अनुमानता: 1493

उत्तर-  (ग)  15वीं शती उतरार्ध, अनुमानता: 1492

Karbak class 12 bhawarth & Objective

प्रश्न 2. कवि मुहम्‍मद जायसी के पिता का नाम क्‍या था?
(क)  मलिक शेख ममरेज (मलिक राजे अशरफ)
(ख)  मलिक ममरेज शेख
(ग)  शेख मलिक ममरेज
(घ)  राजे मलिक ममरेज

उत्तर- (क)  मलिक शेख ममरेज (मलिक राजे अशरफ) 

प्रश्न 3. मलिक मुहम्‍मद जायसी का घर कहाँ था?
(क)  जायस, कब्र अमेठी, लाहौर
(ख)  जायस, कब्र अमेठी, हरियाणा
(ग)  जायस, कब्र अमेठी, मध्‍यप्रदेश
(घ)  जायस, कब्र अमेठी, उतरप्रदेश

उत्तर- (घ)  जायस, कब्र अमेठी, उतरप्रदेश 

प्रश्न 4. ‘कड़बक‘ शीर्षक कविता किसने लिखी है?
(क)  मलिक मुहम्‍मद जायसी
(ख)  तुलसीदास
(ग)  सूरदास
(घ)  कबीरदास

उत्तर- (क)  मलिक मुहम्‍मद जायसी 

प्रश्न 5. जायसी की भाषा कौन-सी थी?
(क)  अवधी
(ख)  अपभ्रंश
(ग)  प्राकृत
(घ)  पालि

उत्तर- (क)  अवधी 

प्रश्न 6.कवि मलिक मुहम्‍मद जायसी की वृति क्‍या थी?
(क)  आरम्‍भ में जायस में रहते हुए किसानी
(ख)  बाद में शेष जीवन फकीरी में
(ग)  बचपन में ही अनाथ, साधु-फकीरों के साथ भटकते हुए जीवन बीता
(घ)  उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)  उपर्युक्‍त सभी 

प्रश्न 7. कवि मलिक मुहम्‍मद जायसी की कृतियों के नाम बताएँ ।
(क)  पद्वमावत, अखरावट
(ख)  आखिरी कलाम, चित्ररेखा
(ग)  कहरानामा (महरी बाईसी), मसला या मसलानामा
(घ)  उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)  उपर्युक्‍त सभी 

प्रश्न 8. ‘कड़कब‘ जायसी की किस रचना से लिया गया है?
(क)  आखिरी कलाम
(ख)  चित्ररेखा
(ग)  मसला
(घ)  पद्वमावत

उत्तर- (घ)  पद्वमावत 

Karbak class 12 bhawarth & Objective

प्रश्न 9. पद्वमावत किस भाषा में लिखा गया है?
(क)  अवधी
(ख)  ब्रजभाषा
(ग)  पुरानी हिन्‍दी
(घ)  इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (क)  अवधी 

प्रश्न 10. जायसी के काव्‍य का मुख्‍य रस कौन-सा है?
(क) श्रृंगार
(ख)  भक्ति
(ग) वीभत्‍स
(घ)  करूण

उत्तर- (क) श्रृंगार 

प्रश्न 11. जायसी किस शाखा के कवि है?
(क)  ज्ञानमार्गी
(ख)  प्रेममार्गी
(ग)  राममार्गी
(घ)  कृष्‍णमार्गी

उत्तर- (ख)  प्रेममार्गी

प्रश्न 12. खाली जगह को भरें- ‘जौ लहि अंबहि डांभ न होई । तौ ल‍हि …….. बसाई न सोई।‘
(क)  दुर्गध
(ख)  सुगंध
(ग)  सुन्‍दरता
(घ)  मिठास

उत्तर- (ख)  सुगंध 

प्रश्न 13. खाली जगह को भरें-‘धनि सो ……… जस कीरति जासू । फूल मरै पै मरै न बासू ।।
(क)  नर
(ख)  पुरूष
(ग)  पुरूख
(घ)  मनुष्‍य

उत्तर-(ग)  पुरूख   

प्रश्न 14. ‘आखिरी कलाम‘ के रचयिता कौन है?
(क)  जयशंकर प्रसाद
(ख)  निराला
(ग)  जायसी
(घ)  कबीरदास

उत्तर- (ग)  जायसी

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