इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी के पाठ दो ‘कविता की परख’ (Kavita ki Parakh Nibandh) कहानी का सारांश और सम्पूर्ण कहानी को पढ़ेंगेंं।
2. कविता की परख
प्रस्तुत पाठ ‘कविता की परख‘ के लेखक रामचंद्र शुक्ल है। इस पाठ के माध्यम से लेखक हमें यह ज्ञात कराते हैं कि कविता क्या है अर्थात लेखक ने इस पाठ में कविता की विशेषता का उल्लेख किया है।
लेखक के अनुसार कविता का उद्देश्य कविता को पढ़ने वाले पाठक के हृदय पर सिधा प्रभाव पड़ाना है और यदि उस कविता से पाठक के अंदर ये विचार उत्पन्न नहीं होता होता, तो यह कविता नहीं कहलाता है। जैसे प्रेम, आनंद, हास्य, करूणा, आश्चर्य आदि किसी एक का प्रभाव पाठक के हृदय पर पड़ना चाहिए। कविता हमारे मन में कुछ इस प्रकार से व्यापार की तरह खड़ा करती है कि मानो सबकुछ हमारे सामने हो रहा हो। यानी कि कवि अपने कविता के माध्यम से पाठक के मन में अलग-अलग विचार लाता है।
कविता में कवि अपने पाठक के मन में किसी भी प्रकार का भाव व्यक्त करने के लिए अपने शब्दों के माध्यम से सुंदर व्यक्ति एवं सुंदर स्थान को स्मरण कराता है। जैसे सुरदास जी श्रीकृष्ण के महान लीला का चित्रण, उसी प्रकार तुलसीदास जी की गीतावली जिसमें कितना सुंदरता हमारे समक्ष में लाता है। यदि कवि के द्वारा अपने पाठक के मन में किसी तरह के भावना जागृत करना है, तो उन्हें सब पता है कि किस तरह के शब्द का उपयोग हमें अपने कविता में करना चाहिए।
वाक्य में मधुरता और सुंदरता लाने के लिए वाक्यों में वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है। जैसे मुख को चंद्र या कमल के समान, कायर को सियार के समान, वीर को पराक्रमी के समान कहा जाता है। ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य अपने पाठक के मन उस वस्तु-स्थान के प्रति सुंदरता, मधुरता, कोमलता, कठोरता, वीरता एवं कायरता की भावना और भी तीव्र हो जाए।
उपमा का अर्थ भावना को तीव्र करना होता है। वस्तु की बोध या परीज्ञान कराना नहीं, बोध या परिज्ञान का अर्थ होता है किसी वस्तु को किसी दूसरे वस्तु के समाना दिखाना जैसे- मानो कि कोई ऐसा व्यक्ति जो हारमोनियम ना देखा हो तो उसे हम कह सकते हैं कि वह एक संदुक के जैसा होता है।
अच्छे कवि अभि उपमा नहीं दिया करते कवि लोग अखि की उपमा के लिए कभी कमल दल लाते है। जिससे पाठक के मन में रंग की मनोहरता, प्रफूलता, कोमलता आदि की भावना एक साथ उत्पन्न हो सके। कवि लोग प्रेम, शोक, करूणा, आश्चर्य,भय आदि जैसे भावनाओ अपने पाठक के मुँह से प्रकट कराया करते हैं। और कवि अपने
कविता कुछ ऐसे शब्द का उच्चारण करते हैं कि मनुष्य के प्रेम, क्रोध के समय शोक में, आश्चर्य में एवं उत्साह में किस तरह के व्यंजनों का वर्णन करना है। ये सब सिर्फ एक सच्चे कवि को अनुभव होता है। Kavita ki Parakh Nibandh Summary Explanation
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