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Putra Viyog class 12 Hindi bhawarth & Objective | पुत्र वियोग का व्‍याख्‍या तथा भावार्थ

October 12, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में कक्षा 12 हिंदी पद्य भाग के पाठ सात ‘पुत्र वियोग (Putra Viyog class 12 Hindi bhawarth & Objective)’ के सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

7. पुत्र वियोग
कवियित्री-  सुभद्रा कुमारी चौहान

कवयित्री परिचय
जीवनकाल : 16 अगस्त 1904- 15 फरवरी 1948
जन्मस्थान : निहालपुर, इलाहाबाद उत्तरप्रदेश
माता-पिता : धिराज कुँवर और ठाकुर रामनाथ सिंह
शिक्षा : क्रास्थवेट गर्ल्स स्कूल, इलाहाबाद में प्रारम्भिक शिक्षा। इसी स्‍कूल में प्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा सुभद्रा कुमारी चौहान के साथ पढ़ी थी।
9वीं तक पढ़ाई के बाद असहयोग आंदोलन में भाग
कर्म क्षेत्र : समाज सेवा, राजनीति, स्‍वाधीनता संघर्ष में सक्रिय भागीदारी, अनेक बार कारावास, मध्‍य प्रदेश में काँग्रेस पार्टी की एम. एल. ए.।
कृतियाँ : मुकुल (कविता संग्रह, 1930) त्रिधारा, बिखरे मोती (कहानी संग्रह), सभा के खेल (कहानी संग्रह)
पुरस्कार :- मुकुल पर 1930 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ‘सेकसरिया पुरस्कार’
प्रस्तुत कविता मुकुल से ली गई है।

7. पुत्र वियोग
आज दिशाएँ भी हँसती हैं
है उल्लास विश्व पर छाया
मेरा खोया हुआ खिलौना
अब तक मेरे पास न आया|

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री कहती है कि आज चारों ओर खुशी का वातावरण है और सारे संसार में खुशियाँ छाई है लेकिन ये खुशियाँ मेरे लिए व्यर्थ है क्योंकि मेरा खोया हुआ पुत्र अब तक मुझे प्राप्त नहीं हुआ। अर्थात कवयित्री के पुत्र का निधन हो गया है।

शीत न लग जाए, इस भय से
नहीं गोद से जिसे उतारा
छोड़ काम दौड़ कर आई
‘मा’ कहकर जिस समय पुकारा

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि मैंने शीत लगने के भय से उसे अपनी गोद से नहीं उतारा। उसने जब भी माँ कहके आवाज लगाई मैं अपना सारा काम-काज छोड़कर उसके पास दौड़कर आई ताकि उसकी जरूरतों को पूरा कर सकूँ।

थपकी दे दे जिसे सुलाया
जिसके लिए लोरियाँ गाईं,
जिसके मुख पर जरा मलिनता
देख आँखें में रात बिताई।

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि मैंने जिसके हरेक सुख का ध्यान रखा। जिसे थपकी दे कर सुलाया और जिसके लिए लोरियाँ गाई। उसके चेहरे पर छाई उदासी को महसूस करके जिसका रात भर जाग कर ख्याल रखा। 

Putra Viyog class 12 Hindi bhawarth & Objective

जिसके लिए भूल अपनापन
पत्थर को भी देव बनाया
कहीं नारियल दूध, बताशे
कहीं चढ़ाकर शीश नवाया।

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि मैंने जिसके लिए अपने सारे सुखों को भूला दिया। पत्थर को देवता मानकर जिसे नारियल दूध और बताशे चढ़ाएँ। जिसके लिए मैंने देवालयों में शीश नवाया। वो आज मेरे पास नहीं है।

फिर भी कोई कुछ न कर सका
छिन ही गया खिलौना मेरा
मैं असहाय विवश बैठी ही
रही उठ गया छौना मेरा।

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि मेरे द्वारा की गई पूजा अर्चना दुआएँ कोई भी काम नहीं आई। कोई भी मेरा कुछ नहीं कर सका और मेरा हृदय का टुकड़ा मुझसे छिन ही गया। मैं आज असहाय और विवश बैठी हूँ और मेरा नन्हा बच्चा मेरे आँखों के सामने ही भगवान को प्यारा हो गया।

तड़प रहे हैं विकल प्राण ये
मुझको पल भर शांति नहीं है
वह खोया धन पा न सकूँगी
इसमें कुछ भी भ्रांति नहीं है।

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि मेरे प्राण तड़प रहे है और मुझे एक पल की भी शांति नहीं है। मैंने जो अनमोल धन खो दिया है उसे मैं अब वापस नहीं पा सकूँगी। इसमें तनिक भी संदेह नहीं है।

फिर भी रोता ही रहता है
नहीं मानता है मन मेरा
बड़ा जटिल नीरस लगता है
सूना सूना जीवन मेरा।

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवि‍यित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि मैं जानती हूँ कि मैं अपने पुत्र को प्राप्त नहीं कर सकती। फिर भी मेरा हृदय मेरा मन इस बात को मानने को तैयार नहीं है। मेरा जीवन अब कठिन और नीरस सा हो गया है।

यह लगता है एक बार यदि
पल भर को उसको पा जाती
जी से लगा प्यार से सर
सहला सहला उसको समझाती।

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि यदि मैं अपने पुत्र को एक पल के लिए भी पा लेती तो उसे जी भर कर प्यार करती और उसे समझती कि वह अपनी माँ को यूं छोड़ कर ना जाए। लेकिन अब उसको पाना संभव नहीं है।

मेरे भैया मेरे बेटे अब
माँ को यों छोड़ न जाना
बड़ा कठिन है बेटा खोकर
माँ को अपना मन समझाना।

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि मैं अपने पुत्र को अगर एक पल के लिए भी पा लेती तो उसे समझाती कि वह मझे छोड़कर न जाए। माँ के लिए अपने बेटे को खोकर अपने मन को सांत्वना देना बड़ा ही कठिन होता है।

Putra Viyog class 12 Hindi bhawarth & Objective

भाई-बहिन भूल सकते हैं
पिता भले ही तुम्हें भुलावे
किन्तु रात-दिन की साथिन माँ
कैसे अपना मन समझावे |

प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता पुत्र वियोग से ली गई है जिसमें उन्होंने एक माता के पुत्र खो जाने के बाद उसके मन की व्यथा का मार्मिक चित्रण किया है। कवयित्री अपने पुत्र को याद करती हुई कहती है कि भाई-बहन तुम्हें भूल सकते हैं। तुम्हारे पिता भले ही तम्हें भूल जाएँ लेकिन एक माँ जो दिन-रात अपने बच्चे के साथ रही हो वो कैसे अपने मन को समझा सकती है | कवयित्री कहना चाहती है कि माँ का हृदय बच्चे को कभी भी नहीं भूल सकता।

7. पुत्र-वियोग : सुभद्रा कुमारी चौहान
प्रश्न 1. सुभद्रा कुमारी चौहान का कब जन्‍म हुआ था?
(क)   1904 ई.
(ख)   1900 ई.
(ग)   1901 ई.
(घ)   1899 ई.

उत्तर-  (क)   1904 ई. 

प्रश्न 2. ‘पुत्र-वियोग‘ शीर्षक कविता की कवयित्री कौन हैं?
(क)   महादेवी वर्मा
(ख)   जयंती
(ग)   सुभद्रा कुमारी चौहान
(घ)   मीराबाई

उत्तर- (ग)   सुभद्रा कुमारी चौहान   

प्रश्न 3. ‘पुत्र वियोग‘ शीर्षक कविता सुभद्रा कुमारी चौहान की किस पुस्‍तक से ली गयी है?
(क)   सुकुल
(ख)   फुकुल
(ग)   मु‍कुल
(घ)   कुकुल

उत्तर-  (ग)   मु‍कुल

प्रश्न 4. कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का कब जन्‍म हुआ था?
(क) 19 अगस्‍त, 1907  
(ख)  16 अगस्‍त, 1904
(ग)   17 अगस्‍त, 1905
(घ)   18 अगस्‍त, 1906

उत्तर- (ख)  16 अगस्‍त, 1904   

Putra Viyog class 12 Hindi bhawarth & Objective

प्रश्न 5. कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का कहाँ जन्‍म हुआ था?
(क)   निहालपुर, इलाबाद, उत्तर प्रदेश
(ख)   नौनिहालपुर, इलाबाद, उत्तर प्रदेश
(ग)   ससुरालपुर, इलाबाद, उत्तर प्रदेश
(घ)   कहीं नहीं

उत्तर- (क)   निहालपुर, इलाबाद, उत्तर प्रदेश   

प्रश्न 6. सुभद्रा कुमारी चौहान के माता-पिता का नाम बताएँ ।
(क)   श्रीमती कुसुम देवी एवं ठाकुर कृष्‍णनाथ सिंह
(ख)   श्रीमती पुष्‍पा देवी एवं ठाकुर विष्‍णु सिंह
(ग)   श्रीमती सोनाली देवी एवं ठाकुर राम कुमार सिंह
(घ)   श्रीमती धिराज कुँवर एवं ठाकुर रामनाथ सिंह

उत्तर-   (घ)   श्रीमती धिराज कुँवर एवं ठाकुर रामनाथ सिंह

प्रश्न 7. सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का क्‍या नाम था?
(क)   ठाकुर रामनाथ सिंह
(ख)   ठाकुर हरिनाथ सिंह
(ग)   ठाकुर राजनाथ सिंह
(घ)   ठाकुर जगमोहन सिंह

उत्तर- (क)   ठाकुर रामनाथ सिंह   

प्रश्न 8. कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान की कृतियों के नाम लिखे-
(क) ‘सुकुल’
(ख)   ‘त्रिधारा’
(ग)   बिखरे मोती, सभा के खेल
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर-  (घ)   उपर्युक्‍त सभी 

8. उषा : शमशेर बहादुर सिंह
प्रश्न 1. ‘कवियों का कवि किस कवि को कहा जाता है?
(क)   शमशेर बहादुर सिंह
(ख)   निराला
(ग)   प्रसाद
(घ)   पंत

उत्तर- (क)   शमशेर बहादुर सिंह   

प्रश्न 2. ‘प्रकृति-वर्णन‘ से संबंधित कविता है?
(क)   गाँव का घर
(ख)   हार-जीत
(ग)   उषा
(घ)   साकेत

उत्तर- (ग)   उषा   

प्रश्न 3. ‘उषा‘ शीर्षक कविता के रचयिता कौन हैं?
(क)   शमशेर बहादुर सिंह
(ख)   गजानन माधव मुक्तिबोध
(ग)   रघुवीर सहाय
(घ)   अशोक वाजपेयी

उत्तर- (क)   शमशेर बहादुर सिंह   

Putra Viyog class 12 Hindi bhawarth & Objective

प्रश्न 4. शमशेर बहादुर सिंह का कहाँ जन्‍म हुआ था?
(क)   वाराणसी, उत्तर प्रदेश
(ख)   इटारसी, मध्‍य प्रदेश
(ग)   देहरादून, उत्तराखंड
(घ)   जबलपुर, मध्‍यप्रदेश

उत्तर-  (ग)   देहरादून, उत्तराखंड 

प्रश्न 5. कवि शमशेर बहादुर सिंह का कब जन्‍म हुआ था?
(क)   12 जनवरी, 1910
(ख)   13 जनवरी, 1911
(ग)   14 जनवरी, 1912
(घ)   15 जनवरी, 1913

उत्तर- (ख)   13 जनवरी, 1911   

प्रश्न 6. कवि शमशेर बहादुर सिंह के माता-पिता  का नाम बताएँ-
(क)   प्रगति देवी एवं तरीक सिंह
(ख)   प्रेमदेई एवं तरीक सिंह
(ग)   प्रेमदेई एवं तारीफ सिंह
(घ)   समदेई एवं तरीक सिंह

उत्तर-(ग)   प्रेमदेई एवं तारीफ सिंह    

प्रश्न 7. ‘कवियों का कवि‘ किस कवि को कहा जाता है?
(क)   शमशेर बहादुर सिंह
(ख)   पंत
(ग)   प्रसाद
(घ)   निराला

उत्तर(क)   शमशेर बहादुर सिंह   

प्रश्न 8. ‘दूसरा सप्‍तक‘ का प्रकाशन वर्ष हैं-
(क)   1950
(ख)   1951
(ग)   1952
(घ)   1954

उत्तर- (ख)   1951   

प्रश्न 9. ‘सुकून की तलाश‘ किसकीरचना है?
(क)   इकबाल की
(ख)   शमशेर बहादुर सिंह की
(ग)   गालिब की
(घ)   ज्ञानेंद्रपति की

उत्तर-  (ख)   शमशेर बहादुर सिंह की 

प्रश्न 10. किसने लिखा है-
(क)   ‘जादू टूटता है इस उषा का अब सूर्योदय हो रहा है’
(ख)   शमशेर बहादुर सिंह
(ग)   रघुवीर सहाय
(घ)   अशोक वाजपेयी

उत्तर-   ज्ञानन्‍द्रपति

प्रश्न 11. किसने लिखा है-‘बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धूल गई हो ।‘
(क) अशोक वाजपेयी
(ख) शमशेर बहादुर सिंह
(ग)   ज्ञानन्‍द्रपति
(घ) रघुवीर स‍हाय

उत्तर- (ख) शमशेर बहादुर सिंह   

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