इस पोस्ट में कक्षा 12 हिंदी गद्य भाग के पाठ तेरह ‘शिक्षा (Shiksha Kahani ka Saransh Notes & Objective)’ के सम्पूर्ण व्याख्या को पढ़ेंगे। जिसके लेखक जे. कृष्णमूर्ति हैं।
13. शिक्षा
लेखक- जे. कृष्णमूर्ति
लेखक परिचय
जन्म- 12 मई 1895 ई०, मृत्यु- 17 फरवरी 1986 ई०
जन्म स्थान- मदनपल्ली, चित्तूर, आंध्र प्रदेश।
पूरा नाम- जिद्दू कृष्णमूर्ति।
माता-पिता : संजीवम्मा एवं नारायणा जिद्दू।
बचपन- दस वर्ष की अवस्था में ही माँ की मृत्यु। स्कूलों में शिक्षकों और घर पर पिता के द्वारा बहुत पीटे गए। बचपन से ही विलक्षण मानसिक अनुभव।
कृतियाँ- द फर्स्ट एंड लास्ट फ्रीडम, द ऑनली रिवॉल्यूशन और कृष्णमूर्तिज नोट बुक आदि।
प्रस्तुत पाठ जे. कृष्णमूर्ति का एक संभाषण है। वह प्रायः लिखते नहीं थे। वे बोलते थे, संभाषण करते थे, प्रश्नकर्ताओं का उत्तर देते थे।
इस पाठ में उसने शिक्षा के अर्थ को बताया है। लेखक कहते हैं कि शिक्षा का अर्थ कुछ परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर लेना और गणित, रसायणशास्त्र अथवा अन्य किसी विषय में प्रवीणता प्राप्त कर लेना नहीं है, बल्कि जीवन को अच्छी तरह से समझना ही शिक्षा है।
शिक्षा का कार्य है कि वह संपूर्ण जीवन की प्रक्रिया को समझने में हमारी सहायता करें, न कि कुछ व्यवसाय या ऊँची नौकरी के योग्य बनाए।
लेखक कहते हैं कि बच्चों को हमेशा ऐसे वातावरण में रहना चाहिए जो स्वतंत्रतापूर्ण हो। अधिकांश व्यक्ति त्यों-ज्यों बड़ा होते जाते हैं, त्यों-त्यों ज्यादा भयभीत होते जाते हैं, हम सब जीवन से भयभीत रहते हैं, नौकरी छूटने से, परंपराओं से और इस बात से भयभीत रहते हैं कि पड़ोसी, पत्नी या पति क्या कहेंगे, हम मृत्यु से भयभीत रहते हैं।
हम बचपन से ऐसे वातावरण में रहें जहाँ स्वतंत्रता हो- ऐसे कार्य की स्वतंत्रता जहाँ आप जीवन की संपर्ण प्रक्रिया को समझ सकें। जीवन की ऐश्वर्य की, इसकी अनंत गहराई और इसके अद्भुत सौंदर्य की धन्यता को तभी महसुस कर सकेंगे जब आप प्रत्येक वस्तु के खिलाफ विद्रोह करेंगे-संगठित धर्म के खिला, परंपरा के खिलाफ और इस सड़े हुए समाज के खिलाफ ताकि आप एक मानव की भाँति अपने लिए सत्य की खेज कर सकें।
जिंदगी का अर्थ है अपने लिए सत्य की खोज और यह तभी संभव है जब स्वतंत्रता हो। आज पूरा विश्व अंतहीन युद्धों में जकड़ा हुआ है। यह दुनिया वकीलों, सिपाहीयों और सैनिकों की दुनिया है। यह उन महत्वाकांक्षी स्त्री-पुरूषों की दुनिया है जो प्रतिष्ठा के पीछे दौड़ रहे हैं और इसे पाने के लिए एक दूसरे के साथ संघर्षरत है। प्रत्येक मनुष्य किसी-न-किसी के विरोध में खड़ा है।
Shiksha Kahani ka Saransh Notes & Objective
कवि कहते हैं कि इस सड़े हुए समाज के ढाँचे के बदलने के लिए प्रत्येक मनुष्य को स्वतंत्रतापूर्वक सत्य की खोज करना चाहिए नहीं तो हम नष्ट हो जाऐंगें। बच्चों में ऐसी शिक्षा देनी चाहिए जिससे एक नूतन भविष्य का निर्माण हो सके।
लेखक कहते हैं कि हम अपना संपूर्ण जीवन सीखते हैं। तब हमारे लिए कोई गुरू नहीं रहता है। प्रत्येक वस्तु हमको कुछ-न-कुछ सिखाती है-एक सुखी पत्ता, एक उड़ती हुई चिड़िया, एक खुशबु, एक आँसु, एक धनी, वे गरीब जो चिल्ला रहे हैं, एक महिला की मुस्कुराहट, किसी का अहंकार। हम प्रत्येक वस्तु से सिखते हैं, उस समय मेरा कोई मार्गदर्शक नहीं, कोई दार्शनिक नहीं, कोई गुरू नहीं होता है। तब मेरा जीवन स्वयं गुरू है और हम सतत् सिखते हैं।
अंत में, लेखक कहते हैं कि हमें ऐसे कार्य करना चाहिए जिससे सचमुच प्रेम हो क्योंकि नूतन समाज के निमार्ण के लिए एकमात्र मार्ग है।
13. शिक्षा : जे. कृष्णमूर्ति
प्रश्न 1. जे. कृष्णमूर्ति का जन्म स्थान कहाँ है?
(क) दनपल्ली, चितूर, आंध्रप्रदेश
(ख) सदनपल्ली, चितूर, अरूणाचल प्रदेश
(ग) दनादनपल्ली, चितूर, बंगाल
(घ) मदनपल्ली, चितूर, आंध्र प्रदेश
उत्तर- (घ) मदनपल्ली, चितूर, आंध्र प्रदेश
प्रश्न 2. जे. कृष्णमूर्ति के माता-पिता का नाम क्या है?
(क) संजीवम्मा एवं नारायणा जिद्दू
(ख) संजीव एवं नारायण जिद्दू
(ग) निर्जीव एवं नर जिद्दू
(घ) संजीव एवं नरा वा कुंजरो
उत्तर-(क) संजीवम्मा एवं नारायणा जिद्दू
प्रश्न 3. जे. कृष्णमूर्ति का पूरा नाम बताएँ-
(क) जिद्द कृष्णमूर्ति
(ख) जिद्दू कृष्णमूर्ति
(ग) सज्जद कृष्णमूर्ति
(घ) जद कृष्णमूर्ति
उत्तर- (ख) जिद्दू कृष्णमूर्ति
Shiksha Kahani ka Saransh Notes & Objective
प्रश्न 4. जे. कृष्णमूर्ति का कब जन्म हुआ था?
(क) 11 मई, 1894
(ख) 12 मई, 1895
(ग) 13 मई, 1896
(घ) 14 मई, 1897
उत्तर- (ख) 12 मई, 1895
प्रश्न 5. ‘शिक्षा‘ शीर्षकनिबंध किसने लिखा है?
(क) जे. कृष्णमूर्ति
(ख) उदय प्रकाश
(ग) रामधारी सिंह दिनकर
(घ) अज्ञेय
उत्तर- (क) जे. कृष्णमूर्ति
प्रश्न 6. जे. कृष्णमूर्ति ने किन विषयों पर लेखन कार्य किया है?
(क) अध्याम
(ख) ये तीनों
(ग) शिक्षा
(घ) दर्शन
उत्तर-(ख) ये तीनों
प्रश्न 7. जे. कृष्णमूर्ति क्या थे?
(क) राज्य शिक्षक
(ख) देश शिक्षक
(ग) विश्व शिक्षक
(घ) गाँव शिक्षक
उत्तर- (ग) विश्व शिक्षक
प्रश्न 8. जे. कृष्णमूर्ति की पुस्तकों के नाम क्या है?
(क) ‘द फर्स्ट एंड लास्ट, फ्रीडम’
(ख) ‘द ऑनली रिवाल्यूशन’
(ग) ‘कृष्णमूर्तिज नोटबुक’
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 9. जे. कृष्णमूर्ति करते क्या थे?
(क) बोलते थे
(ख) बोलते और लिखते थे
(ग) लिखते थे
(घ) कुछ नहीं करते थे
उत्तर- (क) बोलते थे
Shiksha Kahani ka Saransh Notes & Objective
प्रश्न 10. जे. कृष्णमूर्ति किस रूप में देखे जाते हैं?
(क) महामनीषी
(ख) तपस्वी
(ग) दूसरे बुद्ध
(घ) सुकरात
उत्तर- (ग) दूसरे बुद्ध
प्रश्न 11. जे. कृष्णमूर्ति का मृत्यु कब हो गया-
(क) 15 फरवरी, 1984
(ख) 16 फरवरी, 1985
(ग) 17 फरवरी, 1986
(घ) 18 फरवरी, 1987
उत्तर-(ग) 17 फरवरी, 1986
प्रश्न 12. किस पाठ में उक्ति आयी है?-‘जहाँ भय है, वहाँ मेधा नहीं हो सकती ।‘
(क) ओ सदानीरा
(ख) अर्धनारीश्वर
(ग) सिपाही की माँ
(घ) शिक्षा
उत्तर- (घ) शिक्षा
प्रश्न 13. जे. कृष्णमूर्ति की इनमें से कौन-सी रचना है?
(क) रोज
(ख) संपूर्ण क्रांति
(ग) बातचीत
(घ) शिक्षा
उत्तर- (घ) शिक्षा
Class 12th Hindi- Click here
Download BSEB Books- Click here
Leave a Reply