इस पोस्ट में कक्षा 12 हिंदी गद्य भाग के पाठ आठ ‘सिपाही की माँ (Sipahi ki Maa Saransh Notes & Objective)’ के सम्पूर्ण व्याख्या को पढ़ेंगे। जिसके लेखक मोहन राकेश हैं।
8. सिपाही की माँ
लेखक – मोहन राकेश
सिपाही की माँ यह एक एकांकी (एक अंकवाला नाटक) है। जिसे एकांकीकार मोहन राकेश के द्वारा लिखा गया है। यह एकांकी मोहन राकेश की पुस्तक ‘अण्डे के छिलके‘ से लिखा गया है। यह रचना द्वितिय विश्व युद्ध के समय को आधार बनाकर लिखी गई है। इस एकांकी में दो दृश्य हैं। इस एकांकी पाठ में सिपाही की माँ के भावनाओं को बताया गया है। इस पाठ में एक माँ जिनका नाम विशनी है। एक बेटी (मुन्नी) और एक मात्र बेटा जिनका नाम मानक होता है।
इस एकांकी में विशनी नें अपने समाज को बहुत अच्छे संदेश देती हैं। एक सच्चे तथा इमानदार देशभक्त की माँ होने के साथ-साथ वह मुश्किलों का सामना किया करती है और वह अपने परिवार का पालन पोषण करती है। विशनी का बेटा मानक वह अपनी बहन की शादी के पैसा के लिए बर्मा की फौज बनकर लड़ने गया है। वह अपनी माँ का इकलौता बेटा है। मानक बर्मा की लड़ाई में भारत की ओर से जापान से लड़ने गया है।
मानक अपने परिवार का इकलौता बेटा तथा अपनी बहन का एकलौता भाई है। उसी पर सारी आशाएँ टिकी हुई है। बिशनी की पड़ोसन कुंती थी। जब मानक युद्ध में चला जाता है। तो हमेशा उसकी माँ बिशनी अपने बेटे के बारे में ही सोचते रहते है कि कहीं मेरा बेटा युद्ध में मरा तो नहीं गया है। कुंती मानक के युद्ध में चले जाने पर संतोष दिलाती है। वो कहती है कि बिशनी मुन्नी बिटिया तो अब सयानी हो गई है। कोई अच्छा-सा घर-वर देखकर उसका हाथ पिला कर दो। तो विशनी कहती है कि मानक को तो आने दो। अच्छा सा घर-वर देखकर वह विवाह कर देगा।
दो लड़कियाँ वर्मा के रंगुन शहर की रहनेवाली है। वह विशनी के गाँव में आती है। वह वहाँ के लोगों से कहती है कि बर्मा और जापान में युद्ध शुरू हो चुकी है। वह बहुत ही भयानक लड़ाई शुरू हुई है। वह दोनों लड़कियाँ तेरह दिन जंगल के रास्तें में पैदल चलकर अपनी जान बचाने के लिए बिशनी के गाँव आई और उसके घर चावल दाल माँगने लगी। कुंती बोलती है कि इन लड़कीयों का लक्षण मुझे ठीक नहीं लग रहा है। इस पर दोनों लड़कियाँ बोली। आपलोग तो यहाँ ठीक-ठाक रह लेती है, लेकिन जहाँ से हमलोग जान बचाकर आएं हैं तो रोज गोलियाँ और खुनों की बहाव होती है। लड़ाई की वजह से मेरा मुल्क तो तबाह हो गया है। वहाँ फौज के अलावा अब कोई नहीं रह रहा है
मुन्नी अपने माँ से बोली कि माँ इनके मुल्क में रोज लड़ाई होती है। तो माँ के कहने पर मुन्नी ने उनदोनों लड़कियों से पूछा कि वर्मा तुम्हारे मुल्क से कितना दूर है। लड़की बोली कि मेरे मुल्क का नाम ही वर्मा है। उसके बाद वाली रात में सपने में विशनी को मानक दिखाई देता है। और वह उससे बात-चीत करती है। और मानक बहुत बुरी तरह से घायल है और वह बताता है। दुश्मन उसके पिछे लगा हुआ है। विशनी कहती है मानक-मानक कुछ ऐसा शब्द सुनाई देता है। दूर आँधी चल रही है। वह घबराकर बोलती है। तु सचमुच मानक ही है न बाहर की किसी कि आवाज माँ को सुनाई देती है।
विशनी चारपाई से उठ जाती है। वह घबराकर बोलती तो सच में मानक ही है न तु कहाँ है बेटा मानक बोलता है। मैं घायल हूँ माँ मुझे बहुत गोलियाँ लगी है। और दुश्मन अभी भी मेरे पिछे लगा है। विशनी बोलती है तेरा कौन दुश्मन है। मानक बोला मैने उसे बहुत गोलियाँ मारी मगर वह मरा नही है। वह जिन्दा है। उसने मेरा सारा शरीर जख्मी कर दिया है। विशनी बोलती उठ कर चारपाई पर बैठ मैं दूध लाती हूँ मानक बोला दूध नहीं पानी चाहिए। वह अभी यहाँ आ जाएगा देख माँ वह आ गया। तभी वहाँ एक सिपाही आता है और वह उसे मरा हुआ बताता है। यह सुनकर विशनी और घबरा जाती है। वह सिपाही बोला-तुझे नहीं दिखता यह मरा हुआ है। मानक बोला नहीं माँ मैं मरा नहीं हूँ मैं हिल-डोल सकता हूँ। सिपाही बोला तु इसे बचाना क्यूँ चाहती हो ? तु क्या लगती हो, इसका ? विशनी बोली मैं माँ हूँ। सिपानी ने विशनी से बोला कि यह इंसान नहीं जानवर है। क्या तु नहीं जानती इसने कितने सिपाहियों कि जान ली है। लेकिन विशनी विश्वास नहीं करती है। सिपाही कि बात को और सिपाही मानक को मारने तथा बोटी-बोटी करने का बात कहते हैं। तभी विशनी मानक-मानक चिल्लाने लगती है। इसी बची मुन्नी विशनी को जगाते हुए कहती है कि तु तो रोज भैया के सपने देखती है। जबकि मैंने तुमसे कहा था कि भैया जल्दी आऐंगे। विशनी मुन्नी की माथा चुमकर सो जाने को कहती है।
अतः सेना एक-दूसरे का दुश्मन होते है। क्योंकि वह अपने-अपने देश की प्रतिनिधित्व करते हैं। मानक और सिपाही एक-दूसरे का दुश्मन समझतें हैं। इसलिए एक दूसरे को मारना चाहतें हैं। इस प्रकार इस नाटक में एक माँ की भावनाओं को दर्शाया गया है।
BSEB Class 12th Hindi Sipahi ki Maa Saransh Notes & Objective
प्रश्न 1. ‘सिपाही की माँ‘ के रचयिता कौन हैं?
(क) मोहन राकेश
(ख) रामकुमार वर्मा
(ग) अज्ञेय
(घ) जगदीश चन्द्र माथुर
उत्तर- (क) मोहन राकेश
प्रश्न 2. मोहन राकेश के बचपन का नाम क्या था?
(क) मदन मोहन गुगलानी
(ख) कृष्ण मोहन मुगलानी
(ग) राधाकृष्ण मुगलानी
(घ) रामकृष्ण मुगलानी
उत्तर- (क) मदन मोहन गुगलानी
प्रश्न 3. मोहन राकेश का कहाँ जन्म हुआ था?
(क) कबीर चौरा गली, अमृतसर, पंजाब
(ख) गोरखनाथ गली, अमृतसर, पंजाब
(ग) रसगुल्ला गली, अमृतसर, पंजाब
(घ) जंड़ीवाली गली, अमृतसर, पंजाब
उत्तर- (घ) जंड़ीवाली गली, अमृतसर, पंजाब
प्रश्न 4. मोहन राकश का कब जन्म हुआ था?
(क) 7 जनवरी, 1924 ई.
(ख) 8 जनवरी, 1925 ई.
(ग) 9 जनवरी, 1926 ई.
(घ) 10 जनवरी, 1927 ई.
उत्तर- (ख) 8 जनवरी, 1925 ई.
प्रश्न 5. मोहन राकेश का कब निधन हुआ था?
(क) 01 दिसम्बर, 1970 ई.
(ख) 02 दिसम्बर, 1971 ई.
(ग) 03 दिसम्बर, 1972 ई.
(घ) 04 दिसम्बर, 1973 ई.
उत्तर- (ग) 03 दिसम्बर, 1972 ई.
प्रश्न 6. मोहन राकेश रचित नाटक संग्रह है
(क) उतर प्रियदर्शी
(ख) पहला राजा
(ग) सत्य हरिश्चन्द्र
(घ) आषाढ़ का एक दिन
उत्तर- (घ) आषाढ़ का एक दिन
प्रश्न 7. मोहन राकेश रचित एकांकियों के नाम बताएँ ।
(क) आषाढ़ का एक दिन
(ख) पैर तले की जमीन, अंडे के छिलके और अन्य एकांकी
(ग) कोणार्क
(घ) भोर का तारा
उत्तर- (ख) पैर तले की जमीन, अंडे के छिलके और अन्य एकांकी
प्रश्न 8. मोहन राकेश के कहानी-संग्रहों के नाम लिखें ।
(क) इंसान के खंडहर, नए बादल
(ख) जानवर औेर जानवर, एक और जिंदगी
(ग) फौलाद का आकाश, वारिस
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 9. ‘ आखिरी चट्टान तक‘ नामक यात्रा-वृतान्त किसने लिखा है?
(क) मोहन राकेश
(ख) उषा किरण खान
(ग) राम कुमार वर्मा
(घ) रामेश्वर सिंह ‘कश्यप’
उत्तर- (क) मोहन राकेश
प्रश्न 10. मोहन राकेश द्वारा अनूदित पुस्तकों के नाम लिखें ।
(क) मृच्छकटिकम्
(ख) अभिज्ञानशाकुंतलम
(ग) एक औरत का चेहरा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 11. ‘सिपाही की माँ‘ शीर्षक एकांकी किस संग्रह से ली गयी है?
(क) अंडे के छिलके और अन्य एकांकी
(ख) पैर तले की जमीन
(ग) आषाढ़ का एक दिन
(घ) लहरों के राजहंस
उत्तर- (क) अंडे के छिलके और अन्य एकांकी
प्रश्न 12. किस पाठ से उद्धृत है-‘ यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है ।‘
(क) हँसते हुए मेरा अकेलापन
(ख) सिपाही की माँ
(ग) तिरिछ
(घ) शिक्षा
उत्तर- (ख) सिपाही की माँ
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