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Surdas ke pad class 12 bhawarth & Objective | सूरदास के पद का व्‍याख्‍या तथा भावार्थ

October 11, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में कक्षा 12 हिंदी पद्य भाग के पाठ दो ‘सूरदास (Surdas ke pad class 12 bhawarth & Objective)’ के सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे। जिसके लेखक सूरदास हैं।

2. सूरदास
कवि परिचय
सूरदास का जन्म सन् 1478 ई० के आसपास माना जाता है।
वे दिल्ली के निकट ‘सीही’ नामक गाँव के रहनेवाले थे।
उनके गुरु का नाम महाप्रभु वल्लभाचार्य था।
वे पर्यटन, सत्संग, कृष्णभक्ति, और वैराग्य में रुचि लेते थे।
जन्म से अंधे थे अथवा बड़े होने पर दोनों आंखे जाती रही।
उनकी प्रमुख रचनाओं मे सुरसागर, साहित्यलहरी, राधारसकेलि, सुरसारावाली इत्यादि प्रमुख है।
उनकी मृत्यु 1583 मे हुई।

पाठ परिचय: प्रस्‍तुत पाठ के दोनों पद सुरदास रचित ‘सूरगार’ से लिया गया है। इन पदों में सूर की काव्‍य और कला से संबंधित विशिष्‍ट प्रतिभा की अपूर्व झलक मिलती है। प्रथम पद में दुलार भरे कोमल-मधुर स्‍वर में सोए हुए बालक कृष्‍ण को भोर होने की सूचना देते हुए जगाया जा रहा है। द्वितीय पद में पिता नंद की गोद में बैठकर बालक श्रीकृष्‍ण को भोजन करते दिखाया गया है।

पद
( 1 )
जागिए ब्रजराज कुंवर कंवल-कुसुम फूले।
कुमुद -वृंद संकुचित भए भुंग लॅता भूले॥

प्रस्तुत पद वात्सल्य भाव के हैं और सुरसागर से संकलित है जिसमें सूरदास जी मातृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। माता यशोदा अपने पुत्र कृष्ण को सुबह होने पर जगा रही है। वह कहती हैं कि हे ब्रज के राजकुमार! अब जाग जाओ। कमल पुष्प खिल गए हैं तथा कुमुद भी बंद हो गए हैं। (कुमुद रात्रि में ही खिलते हैं, क्योंकि इनका संबंध चंद्रमा से हैं) भ्रमर कमल-पुष्पों पर मंडाराने लगे हैं।

तमचूर खग रोर सुनह बोलत बनराई।
रांभति गो खरिकनि में, बछरा हित धाई॥

प्रस्तत पद वात्सल्य भाव के हैं और सूरसागर से संकलित है जिसमें सूरदास जी मातृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। माता यशोदा अपने पुत्र कृष्ण को सुबह होने पर जगा रही है। वह कहती हैं कि हे ब्रज के राजकुमार! अब जाग जाओ। सवेरा होने के प्रतीक मुर्गे बांग देने लगे हैं और पक्षियों व चिड़ियों का कलरव प्रारंभ हो गया है। गोशाला में गाएं बछड़ों के लिए रंभा रही हैं।

विधु मलीन रवि प्रकास गावत नर नारी।
सूर स्याम प्रात उठौ, अंबुज-कर-धारी ||

प्रस्तुत पद वात्सल्य भाव के हैं और सुरसागर से संकलित है जिसमें सूरदास जी मातृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। माता यशोदा अपने पुत्र कृष्ण को सुबह होने पर जगा रही है। वह कहती हैं कि हे ब्रज के राजकुमार! अब जाग जाओ। चंद्रमा का प्रकाश मलिन हो गया है अर्थात चाँद चुप गया है तथा सूर्य निकल आया है। नर नारियां प्रात:कालीन गीत गा रहे हैं। अत: हे श्यामसुंदर! अब तुम उठ जाओ। सूरदास कहते हैं कि यशोदा बड़ी मनुहार करके श्रीगोपाल को जगा रही हैं वे कहती है हे हाथों मे कमल धारण करने वाले कृष्ण उठो।

( 2 )
जेवत स्याम नंद की कनियाँ |
कछुक खात, कछु धरनि गिरावत, छबि निरखति नंद-रनियाँ |

प्रस्तुत पद वात्सल्य भाव के हैं और सुरसागर से संकलित है जिसमें सूरदास जी मातृ-पितृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। श्री कृष्ण नंद की गोद में बैठकर भोजन कर रहे हैं। वे कुछ खाते हैं कुछ धरती पर गिराते हैं तथा इस मनोरम दृश्य को नंद की रानी (माँ यशोदा) देख रही है।

बरी, बरा बेसन, बहु भाँतिनि, व्यंजन बिविध, अंगनियाँ।
डारत, खात, लेत, अपनैं कर, रुचि मानत दधि दोनियाँ।

प्रस्तुत पद वात्सल्य भाव के हैं और सूरसागर से संकलित है जिसमें सूरदास जी मातृ-पितृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। श्री कष्ण नंद की गोद में बैठकर भोजन कर रहे है। उनके खाने के लिए अनगिनत प्रकार के व्यंजन जैसे बेसन के बाड़े, बरियाँ इत्यादि बने हए है | वे अपनी हाथों से कुछ खाते हैं और कुछ गिराते हैं लेकिन उनकी रुचि केवल दही के पात्र में अत्यधिक होती है।

मिस्री,दधि माखन मिस्रीत करि, मुख नावत छबि धनियाँ |
आपुन खात, नंद-मुख नावत, सो छबि कहत न बानियाँ |

प्रस्तुत पद वात्सल्य भाव के हैं और सुरसागर से संकलित है जिसमे सुरदास जी मातृ-पितृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। श्री कृष्ण नंद की गोद में बैठकर भोजन कर रहे है। उन्हे दही अधिक पसंद है। वे मिश्री, दही और मक्खन को मिलाकर अपने मुख में डालते हैं। यह मनोरम दृश्य देखकर माँ यशोदा धन्य हो जाती है। वे खुद भी खाते हैं और कुछ नंद जी के मुंह में भी डालते हैं ये मनोरम छवि का वर्णन करते नहीं बनता।

जो रस नंद-जसोदा बिलसत, सो नहि तिहू भुवनियाँ |
भोजन करि नंद अचमन लीन्हौ, मांगत सूर जुठनियाँ ||

प्रस्तुत पद वात्सल्य भाव के हैं और सूरसागर से संकलित है जिसमें सूरदास जी मातृ-पितृ स्नेह का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं। श्री कृष्ण नंद की गोद में बैठकर भोजन कर रहे हैं। इस दिव्य क्षण का जो आनंद नंद और यशोदा को मिल रहा है यह तीनों लोको में किसी को प्राप्त नहीं हो सकता। भोजन करने के बाद नंद और श्री कृष्ण कुल्ला करते है और सूरदास उनका जूठन मांग रहे है।

Surdas ke pad class 12 bhawarth & Objective

2. पद : सूरदास

प्रश्न 1. ‘सूरदास‘ किस भाषा के कवि है?
(क)  संस्‍कृत
(ख)  ब्रजभाषा
(ग)  अवधी
(घ)  मैथिली

उत्तर- (ख)  ब्रजभाषा 

प्रश्न 2. सूरदास किस भक्तिधारा के कवि थे?
(क)  रामभक्ति धारा
(ख)  कृष्‍णभक्ति धारा
(ग)  प्रेममार्गी शाखा
(घ)  संतकाव्‍य परम्‍परा

उत्तर-(ख)  कृष्‍णभक्ति धारा 

प्रश्न 3. सूरदास का कहाँ जन्‍म हुआ था?
(क)  बनारस के निकट ‘पीटी’ नामक ग्राम
(ख)  पंजाब के निकट ‘सीटी’ नामक ग्राम
(ग)  हरियाणा के निकट ‘पीही’ नामक ग्राम
(घ)  दिल्‍ली के निकट ‘सीही’ नामक ग्राम

उत्तर-  (घ)  दिल्‍ली के निकट ‘सीही’ नामक ग्राम

प्रश्न 4. सूरदास का निवास-स्‍थान कहाँ-कहाँ रहा? 
(क)  मथुरा
(ख)  ब्रजक्षेत्र में क्रमश: ‘मउघाट’, मथुरा एवं वृन्‍दावन
(ग)  ब्रजक्षेत्र में क्रमश: ‘मउघाट’, वृन्‍दावन एवं पारसोली ग्राम
(घ)  वृन्‍दावन

उत्तर- (ग)  ब्रजक्षेत्र में क्रमश: ‘मउघाट’, वृन्‍दावन एवं पारसोली ग्राम 

Surdas ke pad class 12 bhawarth & Objective

प्रश्न 5. सूरदास का कब जन्‍म हुआ था?
(क)  1477 (अनुमानित)
(ख)  1478 (अनुमानित)
(ग)  1479 (अनुमानित)
(घ)  1480 (अनुमानित)

उत्तर- (ख)  1478 (अनुमानित) 

प्रश्न 6. सूरदास का मृत्‍यु कब हुआ था?
(क)   1581
(ख)   1582
(ग)   1583
(घ)   1584

उत्तर- (ग)   1583   

प्रश्न 7. सूरदास क दीक्षागुरू कौन थे?
(क)   महाप्रभु वल्‍लभाचार्य
(ख)   महाप्रभु रामानन्‍दचार्य
(ग)   रामानन्‍द
(घ)   विट्ठलनाथ

उत्तर-(क)   महाप्रभु वल्‍लभाचार्य    

प्रश्न 8. सूरदास किस काल के कवि थे?
(क)   मध्‍यकाल
(ख)   आधुनिक काल
(ग)   आदिकाल
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (क)   मध्‍यकाल 

प्रश्न 9. सूरदास किन कवियों के मध्‍य श्रेष्‍ठ माने जाते है?
(क)   तुलसीदास
(ख)   वल्‍लभाचार्य के पुष्टिमार्गीय भक्ति में ‘अष्‍टछाप के आठ कवियों के मध्‍य’

(ग)   कबीरदास
(घ)   मीराबाई

उत्तर-  (ख)   वल्‍लभाचार्य के पुष्टिमार्गीय भक्ति में ‘अष्‍टछाप के आठ कवियों के मध्‍य’   

प्रश्न 10. सूर के पदों में मध्‍यकालीन कैसी कला शिखर पर पहुँच जाती है?
(क)   गीतिकला
(ख)   महाकाव्‍यकला
(ग)   प्रबंध काव्‍यकला
(घ)   इनमें से कोई नहीं

उत्तर-   (क)   गीतिकला

प्रश्न 11. हिन्‍दी साहित्‍य का ‘सूर्य‘ किसे कहा जाता है?
(क)   विद्यापति
(ख)   सूरदास
(ग)   तुलसीदास
(घ)   कबीरदास

उत्तर- (ख)   सूरदास   

प्रश्न 12. ब्रजभाषा की विशेषता क्‍या थी?
(क)   कोमलता
(ख)   लालित्‍य
(ग)   माधुर्य
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)   उपर्युक्‍त सभी   

Surdas ke pad class 12 bhawarth & Objective

प्रश्न 13. सूर के काव्‍य के तीन प्रधान विषय क्‍या है?
(क)   विनय-भक्ति
(ख)   वात्‍सल्‍य
(ग)   प्रेम-श्रृगांर
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)   उपर्युक्‍त सभी   

प्रश्न 14. सूरदास के ‘पद‘ किस पुस्‍तक से लिए गए हैं?
(क) सूरसागर  
(ख)   साहित्‍यलहरी
(ग)   राधारसकेलि
(घ)   सूर सारावली

उत्तर- (क) सूरसागर      

प्रश्न 15. सूरदास ने शिक्षा कैसे ग्रहण की?
(क) 
(ख)   स्‍वाध्‍याय द्वारा ज्ञानार्जन
(ग)   काव्‍य रचना एवं संगीत का विशद ज्ञान एवं अभ्‍यास
(घ)   विशाल लोकज्ञान

उत्तर-   उपर्युक्‍त सभी

प्रश्न 16. किसने लिखा है?‘भोजन करि नंद अचमन नावत सो छवि कहत न बनियाँ ।‘
(क)   तुलसीदास
(ख)   कबीरदास
(ग)   मीराबाई
(घ)   सूरदास

उत्तर-(घ)   सूरदास    

प्रश्न 17. सूरदास की अभिरूचि किस काम में थी?
(क)   पर्यटन
(ख)   सत्‍संग
(ग)   कृष्‍णभक्ति एवं वैराग्‍य
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर-  (घ)   उपर्युक्‍त सभी 

प्रश्न 18. सूरदास का व्‍यक्तित्‍व कैसा था?
(क) जन्‍म से अंधे या बड़े होने पर दोनों आँखें जाती रही
(ख)   मृदुल, विनम्र निरभिमानी, महात्‍मा
(ग)   अन्‍तर्मुखी स्‍वभाव के विरक्‍त महात्‍मा
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)   उपर्युक्‍त सभी 

प्रश्न 19. सूरदास की कृतियों के नाम बताएँ-
(क)   सूरसागर
(ख)   साहित्‍य लहरी
(ग)   राधारसकेलि, सूरसारावली
(घ)   उपर्युक्‍त सभी

उत्तर- (घ)   उपर्युक्‍त सभी   

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