इस पोस्ट में कक्षा 12 हिंदी पद्य भाग के पाठ छ: ‘तुमुल कोलाहल कहल में (Tumul Kolahal Kalah Mein class 12)’ के सम्पूर्ण व्याख्या को पढ़ेंगे।
6. तुमुल कोलाहल कहल में
तुमुल कोलाहल कलह में
मैं हृदय की बात रे मन !
प्रस्तुत पंक्तियाँ छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य कामायनी के निर्वेद सर्ग से ली गई है। जिसमें श्रद्धा मन को पाकर कहती है कि इस अत्यंत कोलाहल में मैं हृदय के बात की तरह हूँ।
विकल होकर नित्य चंचल,
खोजती जब नींद के पल
चेतना थक सी रही तब,
मैं मलय की वात रे मन !
प्रस्तुत पंक्तियाँ छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य कामायनी के निर्वेद सर्ग से ली गई है। इन पंक्तियों में श्रद्धा पुरुष के जीवन में नारी के महत्व को रेखांकित करती हुई कहती है ।
पुरुष जब दिनभर की भाग-दौर और मन की चंचलता के कारण थक जाता है और व्याकुल होकर आराम करना चाहता है तो ऐसी स्थिति में श्रद्धा (नारी का हृदय) मलय पर्वत से चलने वाली सुगंधित हवा की तरह शांति और विश्राम देती है। कवि कहना चाहते हैं कि मन चंचल है और मन की चंचलता के कारण शरीर थक कर आराम खोजता है ऐसी स्थिति में व्यक्ति का हृदय ही उसको आराम देता है।
चिर-विषाद विलीन मन की
इस व्यथा के तिमिर वन की
मैं उषा सी ज्योति रेखा,
कुसुम विकसित प्रात रे मन !
प्रस्तुत पंक्तियाँ छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य कामायनी के निर्वेद सर्ग से ली गई है | इन पंक्तियों में श्रद्धा पुरुष के जीवन में नारी के महत्व को रेखांकित करती हुई कहती है।
मन अंधकाररूपी दुख के वन में दीर्घ काल के लिए दबा हुआ है। मैं उसमें सुबह की किरणों की तरह हुँ। मैं इस अंधकार से पूर्ण वन में पुष्प से भरे हुए सुबह के समान हूँ।
जहां मरु ज्वाला धधकती
चातकी कन को तरसती
उन्हीं जीवन घाटियों की
मैं सरस बरसात रे मन !
प्रस्तुत पंक्तियाँ छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य कामायनी के निर्वेद सर्ग से ली गई है। इन पंक्तियों में श्रद्धा पुरुष के जीवन में नारी के महत्व को रेखांकित करती हुई कहती है।
हे मन् ! उस धधकते हए मरुस्थल में जहां चातकी पानी के बुंदों के लिए तरसती है। मैं जीवन की घाटी में सरस बरसात की तरह हूँ। कवि कहते हैं कि जब मानव जीवन कष्ट की अग्नि में मरुस्थल की तरह धधकता है तब आनंद रूपी बारिश ही उसके चित रूपी चातकी को सुख प्रदान करती है।
पवन की प्राचीर में रुक
जला जीवन जा रहा झुक
इस झुलसते विश्व-वन की
मैं कुसुम ऋतु रात रे मन !
प्रस्तुत पंक्तियाँ छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य कामायनी के निर्वेद सर्ग से ली गई है। इन पंक्तियों में श्रद्धा पुरुष के जीवन में नारी के महत्व को रेखांकित करती हुई कहती है।
Tumul Kolahal Kalah Mein class 12
हे मन ! जब जीवन पवन की ऊँची चहारदीवारी में बंद होकर झुक जाता है। जब मानव जीवन झुलस जाता है। ऐसी स्थिति में मैं वसंत की रात की तरह हूँ। जो इस झुलसे हुए मन को हरा-भरा कर सकती है।
चिर निराशा नीरधर से
प्रतिच्छायित अश्रु सर में
मधुप मुखर मरंद मकुलित
मैं सजल जलजात रे मन !
प्रस्तुत पंक्तियाँ छायावाद के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य कामायनी के निर्वेद सर्ग से ली गई है। इन पंक्तियों में श्रद्धा पुरुष के जीवन में नारी के महत्व को रेखांकित करती हुई कहती है।
हे मन ! गहरी निराशा के बादलों से घिरे हुए आँसुओं के तालाब में मैं करुणा से भरी हुई कमल के समान हूँ जिसपर भौंरे गुजते रहते है।
6. तुमुल कोलाहल कलह में : जयशंकर प्रसाद
प्रश्न 1. जयशंकर प्रसाद का महाकाव्य है
(क) कामायनी
(ख) साकेत
(ग) उर्वशी
(घ) मुकुल
उत्तर- (क) कामायनी
प्रश्न 2. जयशंकर प्रसाद का कहाँजन्म हुआ था?
(क) आगरा
(ख) लखनउ
(ग) इलाहाबाद
(घ) वाराणसी
उत्तर- (घ) वाराणसी
प्रश्न 3. जयशंकर प्रसाद का कब जन्म हुआ था?
(क) 1888
(ख) 1889
(ग) 1890
(घ) 1891
उत्तर- (ख) 1889
प्रश्न 4. जयशंकर प्रसाद के पिता का नाम क्या था?
(क) देवता प्रसाद साहु
(ख) राम प्रसाद साहु
(ग) कृष्णदेव साहु
(घ) देवी प्रसाद साहु
उत्तर- (घ) देवी प्रसाद साहु
Tumul Kolahal Kalah Mein class 12
प्रश्न 5. जयशंकर प्रसाद का मृत्यु कब हुआ था?
(क) 13 नवम्बर, 1935
(ख) 14 नवम्बर, 1936
(ग) 15 नवम्बर, 1937
(घ) 16 नवम्बर, 1938
उत्तर- (ग) 15 नवम्बर, 1937
प्रश्न 6. जयशंकर प्रसाद की नाट्टयकृति है
(क) ध्रुवस्वामिनी
(ख) आषाढ़ एक दिन
(ग) लहरों के राजहंस
(घ) कोर्णाक
उत्तर- (क) ध्रुवस्वामिनी
प्रश्न 7. जयशंकर प्रसाद की भाषा कौन-सी थी?
(क) ब्रजभाषा
(ख) अवधी
(ग) खड़ी बोली हिन्दी
(घ) मगही
उत्तर- (ग) खड़ी बोली हिन्दी
प्रश्न 8. जयशंकर प्रसाद किस वाद से जुड़े थे?
(क) रहस्यवाद
(ख) प्रयोगवाद
(ग) प्रगतिवाद
(घ) छायावाद
उत्तर- (घ) छायावाद
प्रश्न 9. ‘चन्द्रगुप्त‘ नाटक के नाटककार कौन है?
(क) जयशंकर प्रसाद
(ख) मोहन राकेश
(ग) देवेन्द्रनाथ शर्मा
(घ) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
उत्तर- (क) जयशंकर प्रसाद
प्रश्न 10. जयशंकर प्रसाद के काव्य-संकलन का नाम लिखें-
(क) झरना
(ख) आँसू
(ग) लहर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्र 11. जयशंकर प्रसाद के प्रबंधकाव्य का नाम लिखें-
(क) कामायनी
(ख) द्वापर
(ग) यशोधरा
(घ) रामचरितमानस
उत्तर- (क) कामायनी
प्रश्न 12. जयशंकर प्रसाद की अतुकांत रचनाएँ कौन-कौन है?
(क) महाराणा का महत्व
(ख) करूणालय
(ग) प्रेम पथिक
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न13. ‘कामायनी‘ की नायिका कौन है?
(क) मनु
(ख) श्रद्धा
(ग) नीति
(घ) नीतू
उत्तर- (ख) श्रद्धा
प्रश्न 14. जयशंकर प्रसाद किस काल के कवि है?
(क) आदिकाल
(ख) आधूनिक काल
(ग) भक्ति काल
(घ) रीतिकाल
उत्तर- (ख) आधूनिक काल
प्रश्न 15. ‘तुमुल कोलाहल का अर्थ होता है
(क) हो हल्ला नहीं
(ख) बिल्कुल शांत
(ग) अत्यधिक हो हल्ला
(घ) कोई नहीं
उत्तर- (ग) अत्यधिक हो हल्ला
Tumul Kolahal Kalah Mein class 12
प्रश्न 16. जयशंकर प्रसाद के कथा-संग्रह का नाम बतावें-
(क) छाया
(ख) प्रतिध्वनि
(ग) इंद्रजाल
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 17. जयशंकर प्रसाद के उपन्यासों के नाम लिखें-
(क) कंकाल
(ख) तितली
(ग) इरावती
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (घ) उपर्युक्त सभी
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