इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी के पद्य भाग के पाठ 8 ‘बहुत दिनों के बाद कविता का व्याख्या (Bahut Dino Ke Baad class 11 Hindi)’ के सारांश और व्याख्या को पढ़ेंगे।
8 बहुत दिनों के बाद
लेखक-नागार्जुन
बहुत दिनों के बाद
अब की मैंने जी-भर देखी
पकी-सुनहली फसलों की मुसकान
-बहुत दिनों के बाद
बहुत दिनों के बाद
अब की मैं जी-भर सुन पाया
धान कूटती किशोरियों की कोकिल-कंठी तान ।
-बहुत दिनों के बाद
बहुत दिनों के बाद ।
अब की मैंने जी-भर सूँघे
मौलसिरी के ढेर-ढेर से ताजे-टटके फूल ।
-बहुत दिनों के बाद
बहुत दिनों के बाद
अब की मैं जी-भर छू पाया
अपनी गँवई पगडंडी की चंदनवर्णी धूल
-बहुत दिनों के बाद
बहुत दिनों के बाद
अब की मैंने जी-भर तालमखाना खाया
गन्ने चूसे जी-भर
-बहुत दिनों के बाद
बहुत दिनों के बाद
अब की मैंने जी-भर भोगे.
गंध-रूप-रस-शब्द-स्पर्श सब साथ-साथ इस भू पर
-बहुत दिनों के बाद
इस पाठ के माध्यम से कवि यह जनकारी देना चाहतें हैं कि उन्होंने बहुत दिनों के बाद गाँव में रह कर क्या-क्या आनंद लिया गया हैं सबका व्याख्या इस पाठ में किया गया हैं। कवि नागार्जुन कहते हैं मुझे बहुत दिनों के बाद गाँव मे रहने पर जी भर के पकी हुई सुनहरों फसलो का मुस्कान को देखा दुसरी पंक्ति में कहते हैं कि बहुत दिनो बाद जी भर के धान कुटती हुई किशोरियों द्वारा कोयल की तरह गाना, तिसरी पंक्ति में कहते है और बहुत ही दिनों बाद ताजा-ताजी भौलसीरी के फुल देखें हैं। इसी तरह चौथें पंक्ति में कवि कहते है कि बहुत हि दिनों बाद गाँव के चंदन की जैसी मिटटी को छुआ। साथ पाँचवी पंक्ति में कहते हैं मेवा और ईख के जुस को भी मन भर खाया। अन्तिम पंक्ति में कवि कहते हैं कि मैंने तो गाँव बहुत दिनों बाद मन भर गंध (सुगंध), रूप (सौंदर्य), रस, शब्द भोगे है।
Bahut Dino Ke Baad class 11 Hindi
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