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Raja Shahin

कबीर के पद कक्षा 11 हिंदी | Kabir ke pad class 11 Bihar Board

September 7, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी के पद्य भाग के पाठ 2 ‘कबीर के पद की व्याख्या (Kabir ke pad Bihar Board class 11 Hindi)’ के सारांश और व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Kabir ke pad class 11

2.पद
लेखक-कबीर

पद – 1

संतो देखत जग बौराना ।
साँच कहौं तो मारन धावै, झूठे जग पतियाना ||
नेमी देखा धरमी देखा, प्रात करै असनाना ।
आतम मारि पखानहि पूजै, उनमें कछु नहिं ज्ञाना ।।
बहुतक देखा पीर औलिया, पढ़े कितेब कुराना ।
कै, मुरीद तदबीर बतावै, उनमें उहै जो ज्ञाना ॥

भावार्थ- लेखक कबीर जी कहते हैं कि देखो यह संसार के लोग पागल सा हो गए। अगर सच बोलो तो मारने के लिए दौड़ते हैं और झुट बोलो तो सबकोई मान लेता है। बहुत ऐसे धर्म को पालन करने वालों को देखा जो सुबह उठते ही स्नान करते हैं। वे लोग जो अपने आत्मा को तकलिफ देते है या मारते हैं और पथरों की पूजा करते हैं। उनलोगों के पास किसी प्रकार का ज्ञान नहीं होता है वह अज्ञानी होते हैं। कबीर जी कहते हैं कि मैने बहुत ऐसे धर्म गुरू एवं संतो को देखा जो अपना धार्मिक किताब कुरआन पढ़ते हैं और अपने शिष्य एवं अपने छात्रों को अलग-अलग तरह-तरह के उपाय के बारे में बताते हैं जो उस पुस्तक में ज्ञान की बातें कही गई है।

आसन मारि डिंभ धरि बैठे, मन में बहुत गुमाना ।
पीतर पाथर पूजन लागे, तीरथ गर्व भुलाना ।।
टोपी पहिरे माला पहिरे, छाप तिलक अनुमाना ।
साखी सब्दहि गावत भूले, आतम खबरि न जाना॥

भावार्थ- वे लोग जो अपने अहंकार से अपने आसन पर बैठे हैं और मन में बहुत हीं ज्यादा घमंड परा है। कबीर दास जी कहते हैं कि वे जोग पितल, पत्थर को पुजते हैं और तीर्थ यात्रा को भुला जाते हैं अपने भगवान को भूल जाते हैं। कुछ लोग टोपी पहनते हैं तो कुछ लोग माला पहनते हैं। साथ हीं कुछ लोग तो तिलक भी लगाते हैं। और मानते हैं कि वे सब लोग साखी शब्द को गाना भूल गए हैं। अपने आत्मा के रहस्यमय को नहीं जानते हैं।

हिंदु कहै मोहि राम पियारा, तुर्क कहै रहिमाना ।
आपस में दोउ लरि लरि मूए, मर्म न काहू जाना ।।
घर घर मंतर देत फिरत हैं, महिमा के अभिमाना ।
गुरु के सहित सिख्य सब बूड़े, अंत काल पछिताना ।।
कहै कबीर सुनो हो संतो, ई सब भर्म भुलाना ।
केतिक कहौं कहा नहिं माने, सहजै सहज समाना ।।

भावार्थ- हिन्दु लोग कहते हैं हमारा राम प्यारा है और तुर्क कहे रहीम। और इसी बात को लेकर आपस में लड़ते हैं, और मारे जाते हैं। लेकिन किसी ने भी ईश्वर के बारे में नहीं जानना चाहा कि ईश्वर कौन है। वे घर-घर जाकर मंतर देते फिरते हैं क्योंकि उन्हें संसार के माया का बहुत हीं अभिमान होता है। और ऐसे गुरू व शिष्य सब अज्ञानता में डुबे हुए हैं। इन सबको अंतकाल में पश्तावा होगा। कबीर जी कहते हैं कि सुनों संतो, माया को सब कोई मानता है। और ईश्वर को भुला बैठे हैं इन्हें कितना हीं समझाओ ये नहीं मानेंगे। सच तो यह है कि इश्वर तो सहज साधना से भी मिल जाते है।

Kabir ke pad Class 11 Hindi Explanation

पद -2 

माजी हो बलिया कब देखौंगी तोहि ।
अह निस आतुर दरसन कारनि, ऐसी ब्यापै मोहि ॥
नैन हमारे तुम्ह कूॅं चाहैं, रती न मानें हारि ।
बिरह अगिनि तन अधिक जरावै, ऐसी लेहु बिचारि ।।

भावार्थ- लेखक कबीर दास इस पंक्ति के माध्यम से कहते हैं कि हे प्रभु मैं आपको सब देखुंगा। यानी आपका दर्शन कब होगा। आपके दर्शन के लिए मैं रात-दिन व्यकुल रहता हुँ। अनुभव करता हुँ शायद दर्शन हो जाए। लेखक कहते हैं कि हे प्रभु हमारे आँखों की आपके चाहने की इच्छा इतनी है कि रात को भी आँखें बंद नहीं है। ये कभी हार नहीं मानती है। लेखक कहते हैं कि हे प्रभु आपके विनियोग की अग्नि में मेरा पुरा शरीर जल रहा है। और अब आप विचार कर लो कि मैं दर्शन के लायक हुँ या नहीं।

सुनहु हमारी दादि गुसाँई, अब जिन करहु बधीर ।
तुम्ह धीरज मैं आतुर स्वामी, काचै भांडै नीर ।।
बहुत दिनन के बिछुरै माधौ, मन नहिं बाँधै धीर ।
देह छताँ तुम्ह मिलहु कृपा करि, आरतिवंत कबीर ॥

भावार्थ- कबीर दास जी अपने बुरी स्थिति को बताते हुए निवेदन करते हैं ओर कहते हैं। हे प्रभु आप हमारी आवाज को सुनों इसे एक बहरे की तरह अनसुने मत करो। कबीर दास जी कहते हैं तुम धीरज हो और मैं अतुर स्वामी। मैं एक कच्चे घड़े की तरह हुँ जिस तरह पानी एक कच्चे घड़े को गलाकर पानी बाहर निकला जाता है ठिक उसी तरह मेरी स्थिति हो गई है। कबीर दास जी व्यकुलता पुर्वक कहते हैं कि प्रभु आपसे मिले बहुत दिन हो गए हैं अब मेरा मन नहीं लग रहा है। अन्त में कबीर जी कहते हैं। हे प्रभु आप हम पर दया किजिए बहुत जल्द दर्शन दीजिए।

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NCERT Class 10th Hindi Solutions Notes क्षितिज भाग 2 | CBSE Class 10th Hindi Solutions | कृृतिका भाग 2

September 5, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग CBSE बोर्ड के कक्षा 10 के हिन्‍दी क्षितिज भाग 2 NCERT Class 10th Hindi Solutions Notes के सभी पाठ के व्‍याख्‍या को पढ़ेंगें।

NCERT Class 10th Hindi Solutions

यह पोस्‍ट CBSE बोर्ड के परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्‍वपूर्ण है। साथ ही यह पोस्‍ट विभिन्‍न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी महत्‍वूपर्ण है।

इसको पढ़ने से आपके किताब के सभी प्रश्‍न आसानी से हल हो जाऐंगे। इसमें चैप्‍टर वाइज सभी पाठ के नोट्स को उपलब्‍ध कराया गया है। सभी टॉपिक के बारे में आसान भाषा में बताया गया है।

यह नोट्स NCERT पाठ्यक्रम पर पूर्ण रूप से आ‍धारित है। इसमें हिन्‍दी के प्रत्‍येक पाठ के बारे में व्‍याख्‍या किया गया है, जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। इस पोस्‍ट को पढ़कर आप CBSE बोर्ड कक्षा 10 के हिन्‍दी क्षितिज भाग 2 के किसी भी पाठ को आसानी से समझ सकते हैं और उस पाठ के प्रश्‍नों का उत्तर दे सकते हैं। जिस भी पाठ को पढ़ना है उस पर क्लिक कीजिएगा, तो वह पाठ खुल जाऐगा। उस पाठ के बारे में आपको वहाँ सम्‍पूर्ण जानकारी मिल जाऐगी।

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 2  | Chapterwise Class 10 Hindi Kshitij Solutions

NCERT Class 10th Hindi Solutions Kshitij bhag 2 (क्षितिज) भाग 2

NCERT Class 10 Hindi Solutions Notes Kshitij क्षितिज भाग 2

काव्य – खंड

  • Chapter 1 पद (सुरदास)
  • Chapter 2 राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद (तुलसीदास)
  • Chapter 3 सवैया और कवित्त (देव)
  • Chapter 4 आत्मकथ्य (जयशंकर प्रसाद)
  • Chapter 5 उत्साह और अट नहीं रही (सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’)
  • Chapter 6 यह दंतुरहित मुस्कान और फसल (नागार्जुन)
  • Chapter 7 छाया मत छूना (गिरिजाकुमार माथुर)
  • Chapter 8 कन्यादान (ॠतुराज)
  • Chapter 9 संगतकार (मंगलेश डबराल)

गद्य – खंड

  • Chapter 10 नेताजी का चश्मा (स्‍वयं प्रकाश)
  • Chapter 11 बालगोबिन भगत (रामवृक्ष बेनीपुरी)
  • Chapter 12 लखनवी अंदाज़ (यशपाल)
  • Chapter 13 मानवीय करुणा की दिव्या चमक (सर्वेश्‍वर दयाल सक्‍सेना)
  • Chapter 14 एक कहानी यह भी (मन्‍नू भंडारी)
  • Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन (महावीर प्रसाद द्विवेदी)
  • Chapter 16 नौबतखाने में इबादत (यतींद्र मिश्र)
  • Chapter 17 संस्कृति (भदंत आनंद कौसल्‍यायन)

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Bhag 2 कृतिका भाग 2

  • Chapter 1 माता का आँचल
  • Chapter 2 जॉर्ज पंचम की नाक
  • Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि
  • Chapter 4 एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!
  • Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?

Watch Video of Class 10th Hindi – Click Here

आशा करता हुँ कि आप को हिन्‍दी के सभी पाठ को पढ़कर अच्‍छा लगेगा। इन सभी पाठ को पढ़कर आप निश्चित ही परीक्षा में काफी अच्‍छा स्‍कोर करेंगें। इन सभी पाठ को बहुत ही अच्‍छा तरीका से आसान भाषा में तैयार किया गया है ताकि आप सभी को आसानी से समझ में आए। इसमें हिन्‍दी गद्य भाग और पद्य भाग के सभी पाठ को समझाया गया है। यदि आप CBSE बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी क्षितिज भाग 2 से संबंधित किसी भी पाठ के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे कमेन्‍ट बॉक्‍स में क्लिक कर पूछ सकते हैं। यदि आप और विषय के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो भी हमें कमेंट बॉक्‍स में बता सकते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

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Vidyapati ke pad class 11 Hindi | विद्यापति पद की व्याख्या | दिगंत भाग 1

September 5, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी के पद्य भाग के पाठ 1 ‘विद्यापति पद की व्याख्या (Vidyapati ke pad class 11 Hindi)’ के सारांश और व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Vidyapati ke pad class 11 Hindi

1.पद
लेखक-विद्यापति

पद-1

चानन भेल बिषम सर रेए भूषन भेल भारी ।
सपनहुँ नहिं हरि आएल रेए गोकुल गिरधारी ॥

व्याख्या- इस पद के माध्यम से कवि विद्यापति कहते हैं कृष्ण की गोपियाँ उद्धव से कृष्ण तक संदेशा पहुँचाती है और कहती है जो चंदन के लेप माटी पर इतना ठंडक महसुस होता है। वह एक तेज शातिर की तरह चुभ रहा है और जो आभुषण है वह भारी लग रहा है। इन सब गोपियों की रक्षा करने वाला दयालू कृष्ण अब सपनों में भी दर्शन नहीं देते हैं।

एकसरि ठाढ़ि कदम.तरे रेए पथ हेरथि मुरारी ।
हरि बिनु देह दगध भेल रेए झामर भेल सारी ।।

व्याख्या- इस पंक्ति के माध्यम से गोपियाँ उद्धव से बात कर रही है कि गोपी अकेली वृक्ष के नीचे कृष्ण के आने की राह देख रही है। कृष्ण के आने की इंतजार में इनका शरीर झुलसा हुआ है और शरीर का वस्त्र मैला हो गया है।

जाह जाह तोहें ऊधव हेए तोहें मधुपुर जाहे ।
चन्द्रबदनि नहि जीउति रेए बध लागत काहे ॥

व्याख्या- इस पंक्ति के माध्यम से गोपियाँ उद्धव से कहती है आप जल्दी मथुरा लौट जाओ और बता देना कि अब चंद्रमा की तरह उसकि गोपी और जीवित नहीं रहेगी। वो आकर हमें बचा ले और गोपियाँ के मरने का पाप से मुक्त हो जाए।

भनइ विद्यापति मन दए रेए सुनु गुनमति नारी ।
आज आओतण् हरि गोकुल रेए पथ चलु झट.झारी ॥

व्याख्या- कवि द्वारा रचित इस पंक्ति के माध्यम से बताया गया है कि श्री कृष्ण मथुरा से अब गोकुल आऐगें। उद्धव उन गोपियों एवं राधा से कहते हैं ध्यान से सुनों आज कृष्ण मथुरा से गोकुल आवेंगे। तुम सब जल्दी से गोकुल चलो।

पद-2

सरस बसंत समय भल पाओलए दछिन पबन बहु धीरे ॥
सपनहुँ रूप बचन एक भाखिएए मुख सओं दुरि करु चीरे ॥

व्याख्या- गोपियाँ इस पंक्ति के माध्यम से कहती है की वसंत ऋतु की समय आ गया है और हवा की गति दक्षिण से उतर की ओर है कवि कहते हैं कि इस समय गोपियाँ सो रही है। गोपियाँ कहती है की सपनें में एक सुंदर सा पुरूष आता है और कहता है कि तुम अपनें मुख पर सारियों से ढ़का है उसे उठाओ।

तोहर बदन सन चान होअर्थि नहिंए जइओ जतन बिहि देला ।
कए बेरि काटि बनाओल नव कएए तइओ तुलित नहिं भेला ॥

व्याख्या- लेखक कहते हैं कि जो पुरूष गोपियों की स्वप्न में आया था। वह कहता है कि तुम्हारे मुख शरीर के जैसा तो चाँद भी नहीं हैं। वह महान पुरूष कहता है कि विद्याता ने तो चाँद को तुम्हारे जैसा बनाने के लिए चाँद को कितना बार काटा है लेकिन फिर भी तुम्हारे मुख के योग चाँद भी नहीं।

लोचन-तूल कमल नहिं भएण् सकए से जग के नहिं जाने ॥
से फेरि जाए नुकाएल जल भएए पंकज निज अपमाने ॥

व्याख्या- इस पंक्ति के माध्यम से कवि कहते है उस स्त्री से की तुम्हारे आँखों के जैसा सुंदर कमल के फूल भी नहीं है। और ये बात कौन नहीं जानता है। इस बात को कमल के फूल भी  अच्छे तरह से जानता है तभी तो कमल स्वयं को अपमानित समझकर जल में छुप जाता है।

भनइ विद्यापति सुनु बर जौबतिए ई सभ लछमी समाने ।
राजा सिबसिंह रूपनराएनए लखिमा देइ रमाने ।

व्याख्या- कवि विद्यापति द्वारा रचित पंक्ति में उस स्त्री के बारे में प्रसंशा करते हुए कहते हैं हे युक्ति तुम सबसे श्रेष्ठ हो तो सबसे अलग हो। मानों कि तुम लक्ष्मी कि प्रतिक हो जो मैने तुम्हारे इस खुबशुरती के बारे में कहा है वो सब राजा शिव सिंह एवं उनकि पत्नी लखिमा अच्छे तरह जानती है।

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A Pinch of Snuff Summary Explanation in Hindi | एक चुटकी सुंघनी | A Pinch of Snuff in Hindi

September 5, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

In this post, I shall read about the summary explanation in Hindi of Bihar Board class 12th English chapter three A Pinch of Snuff. A Pinch of Snuff Summary Explanation in Hindi.

A Pinch of Snuff Summary Explanation in Hindi

3. A Pinch of Snuff (एक चुटकी सुंघनी)

A Pinch of Snuff is very interesting and entertaining story, which has been written by a well known novelist and short story writer Manohar Malgaonkar.
ए पिंच ऑफ स्नफ बहुत ही रोचक और मनोरंजक कहानी है, जिसे जाने-माने उपन्यासकार और लघु कथाकार मनोहर मालगांवकर ने लिखा है।

He was a well known nevelist and short story writer. The present story ‘A Pinch of Snuff’ is taken from Contemporary Indian Short Stories in English.
वे एक प्रसिद्ध उपन्यासकार और लघु कथाकार थे। प्रस्‍तुत कहानी ‘ए पिंच ऑफ स्नफ’ कंटेमपोरेरी इंडियन शॉर्ट स्‍टोरी इन इंगलिश से ली गई है।

This story is full of wit and adventure. This story is about a mission which has completed by a funny man Nanukaka. In this story, the writer explained the character of his maternal uncle Nanukaka, who always tell a lie.
यह कहानी बुद्धी और रोमांच से भरा हुआ है। यह कहानी एक मिशनी के बारे में है, जिसे एक मजाकिया आदमी नानुकाका के द्वारा पूरा किया गया है। इस कहानी में लेखक ने अपने मामा नानुकाका के चरित्र की व्याख्या की है, जो हमेशा झूठ बोलते हैं।

Nanukaka arrives at the house of the author who is an Under-Secretary on probation under the minister. The auhor does not like Nanukaka. Nanukaka had come to the author’s house to meet a minister.
नानुकाका लेखक के घर आते हैं, जो मंत्री के यहाँ परीवीक्षा पर एक अवर-सविच हैं। लेखक नानुकाका को पसंद नहीं करते हैं। नानुकाका लेखक के घर मंत्री से मिलने के लिए आए थे।

Nanukaka was to meet the minister within three days. The author did not have enough access to meet Nanukaka with the minister. The author’s house was in Delhi.
नानुकाका को तीन दिनों के अंदर मंत्री से मिलना था। लेखक के पास इतनी पहुँच नहीं थी कि वह मंत्री से नानुकाका को मिला दे। लेखक का घर दिल्ली में था।

Nanukaka made a plan to meet the minister. He hired a Royal car and made the writer a driver and went to meet the minister. When Nanukaka reached the minister’s house, the minister was not there.
नानुकाका ने मंत्री से मिलने के लिए एक प्लान बनाया। उसने एक रॉयल कार को भाड़े पर लेकर लेखक को ड्राइवर बनाकर, मंत्री से मिलने के लिए चल दिए। जब नानुकाका मंत्री के घर पहुँचे, तो मंत्री वहाँ नहीं था।

Nanukaka told the minister’s secretary that I am the hereditary pandit of a princely state Ninnore.  After that Nanukaka gave the address of the author’s house and came to the author’s house. The next day, in the morning, the writer was drinking tea, when the minister’s car came to a halt at the writer’s door.
नानुकाका ने मंत्री के सेकरेटरी से कहा कि मैं नाइनौर के राज्य के अनुवंशिक पूरोहित (ज्‍योतिष) हुँ। उसके बाद नानुकाका लेखक के घर का पता दे दिया और लेखक के घर आ गए। अगले दिन, सुबह में लेखक चाय ही पी रहे थे, कि इतने में मंत्री की गाड़ी लेखक के दरवाजे पर आकर खड़ी हो जाती है।

Nanukaka meets the welfare minister. Nanukaka left the following day Thus, Nanukaka’s mission is completed.
नानुकाका कल्‍याण मंत्री से भेंट करते हैं। अगले दिन निकल जाते हैं। इस प्रकार, नानुकाका का मिशन पूरा हो जाता है।

3. A Pinch of Snuff Objective Questions

Q1. Nanukaka was coming to Delhi to
(A) See some people
(B) See some minister
(C) See his sister
(D) See some relative

Ans-(B) See some minister

Q 2.The mother of the narrator was very confident that Nanukaka would be able to manage to see the minister
(A) On Sunday
(B) Whenever be wanted
(C) in between a meeting
(D) on the minister’s vacatopm

Ans-(B) Whenever be wanted

Q 3. Who travelled free with Nanukaka?
(A) Dog
(B) Rabbit
(C) Hen
(D) Kitten

Ans-(D) Kitten

Q4. A Pinch of Snuff is written by ….
(A) Manohar Malgaonkar
(B) Germaine Greer
(C) Dorothy L Sayers
(D) H E Bates

Ans-(A) Manohar Malgaonkar

Q5. ….. went to the minister in Jodhpur coat.
(A) Manohar Malgaonkar
(B) Shiga Naoya
(C) Dr. Zakir Hussain
(D) Mahatma Gandhi

Ans-(A) Manohar Malgaonkar

Q6. …. is a humorous story.
(A) The Artist
(B) A Pinch of Snuff
(C) A Child is Bron
(D) The Earth

Ans-(B)A Pinch of Snuff

Q7. Who took a pinch of snuff?
(A) Manohar Malgaonkar
(B) Nanukaka
(C) Rahman
(D) John

Ans-(B) Nanukaka

Q8. Who had installed Nanukaka in Malgaonkar room ?
(A) his mother
(B) his father
(C) his sister
(D) his brother

Ans- (A) his mother

Q9. How many day’s leave had been taken by Malgaonkar?
(A) Three days
(B) two days
(C) four days
(D) five days

Ans-(B) two days

Q10. Nanukaka loved to speak in …….. , when he was unable to express something in English or Hind.
(A) Marathi
(B) Bengali
(C) Gujarati
(D) Punjabi

Ans- (A) Marathi

Q11. Nanukaka was the narrator’s …….
(A) maternal uncle
(B) father
(C) cousin
(D) mother

Ans-(A) maternal uncle

Q12. Nanukaka was the ……. of Manohar Malgaonkar’s mother.
(A) brother
(B) father
(C) sister
(D) son

Ans-(A) brother

Q13. Manohar Malgaonkar was the ….. on probation.
(A) Secretary
(B) Under Secretary
(C) Chief Secretary
(D) Joint Secretary

Ans-(B) Under Secretary

Q14. Nanukaka had tied a huge …… turban round his head.
(A) red
(B) orange
(C) yellow
(D) green

Ans-(B) orange

Q15. Who are regarded as two steps higher than  God?
(A) Minister
(B) Teachers
(C) Doctors
(D) Philosophers

Ans-(A) Minister

Q16. Whose announcement shook Manohar Malgaonkar (the narrator) ?
(A) mother’s
(B) father’s
(C) sister’s
(D) brother’s

Ans-(A) mother’s

Q17. Nanukaka went to the …… Auto Dealers.
(A) Sikka
(B) Rikka
(C) Mohit
(D) Alankar

Ans- (A) Sikka

Q18. Nanukaka still wore the old- fashioned knee-length …….
(A) red coat
(B) black coat
(C) green coat
(D) blue coat

Ans-(B) black coat

Q19. Who has a garnish yellow  sports car?
(A) Ratiam
(B) Sohanlal
(C) Matiram
(D) Ghoturam

Ans-(A) Ratiam

Q20. Who returned mumbling colourful Marathi swearwords?
(A) Nanukaka
(B) Manohar Malgaonkar
(C) Alok
(D) Rupa

Ans-(A) Nanukaka

Q21. These motor cars touts can smell  rich man a mile off – I from:
(A) A Pinch of Snuff
(B) The Earth
(C) A Child is Born
(D) The Artist

Ans-(A) A Pinch of Snuff

Q22. Which animal had Nanukaka brought with him on his visit to the narrtor’s place?
(A) kitten
(B) puppy
(C) mouse
(D)cub

Ans-(A) kitten

Q23. Nanukaka gave a …… rupee- note as reward to the dhobhi.
(A) five
(B) three
(C) ten
(D) two

Ans-(C) ten

Q24. Ratiram was the son of ……
(A) Sohanlal Ratiram
(B) Mohanlal Ratiram
(C) Devanlal Ratiram
(D) Herolal Ratiram

Ans-(A) Sohanlal Ratiram

Q25. Nanukaka took out his cheque book and write a cheque for …..
(A) five thousand rupees
(B) two thousand rupees
(C) a thousand rupees
(D) three thousand rupees

Ans-(C) a thousand rupees

Q26. Nanukaka in a linguistic emergency always to his ……
(A) Mother tongue
(B) Hindi
(C) English
(D) French

Ans-(A) Mother tongue

Q89. The second important person Nanukaka had planned to meet was ……
(A) The welfare Minister
(B) The Home Minister
(C) The Foreign Minister
(D) The Railway Minister

Ans-(A) The welfare Minister

Class 12th English Prose
????
Chapter 1 Indian Civilization and Culture
????
Chapter 2 Bharat is My Home
???? Chapter 3 A Pinch of Snuff
???? Chapter 4 I Have a Dream
???? Chapter 5 Ideas that have Helped Mankind
???? Chapter 6 The Artist
???? Chapter 7 A Child Born
???? Chapter 8 How Free is the Press
???? Chapter 9 The Earth
???? Chapter 10 India Through a Traveller’s Eyes
???? Chapter 11 A Marriage Proposal
Class 12th English Poetry
???? Chapter 1 Sweetest Love I do not Goe
???? Chapter 2 Song of Myself
????  Chapter 3 Now the Leaves are Falling Fast
???? Chapter 4 Ode to Autumn
???? Chapter 5 An Epitaph
???? Chapter 6 The Soldier
???? Chapter 7 Macavity : The Mystery Cat
???? Chapter 8 Fire-Hymn
???? Chapter 9 Snake
???? Chapter 10 My Grandmother’s House
???? Class 12th English Line By Line
???? Class 12th Hindi Notes Solutions

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कक्षा 11 हिंदी पाठ 11 गाँव के बच्चों की शिक्षा | Gao Ke Baccho Ki Shiksha class 11th Hindi

September 5, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी पाठ 12 ‘गाँव के बच्चों की शिक्षा (Gao Ke Baccho Ki Shiksha class 11th Hindi)’ के सारांश और व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Gao Ke Baccho Ki Shiksha class 11th Hindi

12. गाँव के बच्चों की शिक्षा
लेखक-कृष्ण कुमार

कृष्ण कुमार इस पाठ के माध्यम से लेखक बचपना की शिक्षा के बारे में विशेष रूप से प्रकाश डाला है। उन्होंने अपनी प्राईमरी स्कूल की पढ़ाई करने के बाद अपने चाचा के पास शहर जाकर माध्यमिक शिक्षा भी पुरी कर ली। माध्यम शिक्षा पुरा करने के बाद वह उच्च स्तर की पढ़ाई के लिए प्रतियोगिता में चुने जाते हैं। अब उनकी उच्च स्तरी शिक्षा ग्रहण करने के लिए फ्रांस जाना होगा। जब फ्रांस जाने की समय होती है और रिश्तेदारो एवं गाँव वालों से बिदाई लेते है लेकिन उस भीड़ में उसकी माँ झोंपड़ी में बैठी रो रही है। किसी तरह अपनी माँ का आर्शिवाद लेते हैं और लेखक का कहना है कि कैमरा लिए कहता है कि शिक्षा समाज में एक दवाई की तरह काम करता है। माननीय मंत्री जी के प्रति पश्चताप करते हैं क्योंकि पिछले 50 सालो से किसी भी बच्चों के पास शिक्षा नहीं पहुँची लेकिन फिर भी वादे किए जा रहें हैं। लेखक कहते हैं कि लड़का एवं लड़कियों के पास पहुँचने से पहले हमें ये विचार करना चाहिए कि बच्चे शिक्षा के माध्यम से क्या सिखेंगे। लेखक का मानना है सभी जगहों पर जैसे जमीन, जंगल, पानी, खनीज एवं अन्य मानों संसाधनों पर पुँजीपतियों का अधिकार जताया जाता है लेखक कहते हैं कि राजनितिक में अपराध एवं हिंसा का छाया का परिणाम छोटे-छोटे किसान महिलाएँ एवं आदिवासियों को शिकार होना पड़ता है। लेखक का मानना है कि अगर हमें इस भ्रष्ट नौकर साही राजनितिक नेताओं के काले कारणामें को खत्म करने के लिए राष्ट्र के विकाश के लिए सभी लोगों को शिक्षित बनना होगा। यानी की समाज में शिक्षा को अधिक कारगर बनना होगा। प्राथमिक शिक्षकों की गुणवता मे बदलाव एवं विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की स्तर में सुधार, यदि इन सभो में सुधार नहीं होता है तो लेखक का मानना है कि होसियार बच्चा कमरा ल्ये जैसे गाँव छोड़कर, शहर, शहर छोड़कर राजधानी एवं राजधानी को छोड़कर विदेश जाने को मजबुर हो जाता है।  इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे यहाँ उच्च स्तरीय ग्रामीण एवं पंचायत स्तर पर शिक्षा का अभाव जब गाँवों में देखा जाता है कि सबसे ज्यादा स्त्री पुरूष अनपढ़ अंधविश्वास मुर्ख मालुम पड़ते हैं। लेखक कहते हैं जो पंचायती राज्य व्यवस्था में जो नारा लगाये जाते है वह सिर्फ सिर्फ नारा हीं बनकर रह जाता है और जमीन, जंगल, पानी, शिक्षा को लेकर लड़ाई होने लगती है। बहुत ऐसे जगहों पर देखा जाता है जहाँ पानी तो नहीं लेकिन शराब की उपलब्धि जरूर होती है। इसमें गौर से देखा जाए तो इसमें शिक्षा का सुधार और उसकी प्रक्रिया को फिर से बदल देने का इरादा शामिल हैं। Gao Ke Baccho Ki Shiksha class 11th Hindi

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Gao Ke Baccho Ki Shiksha class 11th Hindi

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Bihar Board Class 11th Hindi Solutions Notes | दिगंत भाग 1 हिंदी

September 3, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड के कक्षा 10 के हिन्‍दी दिगंत भाग 1 Bihar Board Class 11th Hindi Solutions All Topics के सभी पाठ के व्‍याख्‍या को पढ़ेंगें।

यह पोस्‍ट बिहार बोर्ड के परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्‍वपूर्ण है। साथ ही यह पोस्‍ट रेलवे, बैंकिग, प्रशासनिक सेवा तथा विभिन्‍न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी महत्‍वूपर्ण है।

इसको पढ़ने से आपके किताब के सभी प्रश्‍न आसानी से हल हो जाऐंगे। इसमें चैप्‍टर वाइज सभी पाठ के नोट्स को उपलब्‍ध कराया गया है। सभी टॉपिक के बारे में आसान भाषा में बताया गया है।

यह नोट्स NCERT तथा SCERT बिहार पाठ्यक्रम पर पूर्ण रूप से आ‍धारित है। इसमें हिन्‍दी के प्रत्‍येक पाठ के बारे में व्‍याख्‍या किया गया है, जो परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। इस पोस्‍ट को पढ़कर आप बिहार बोर्ड कक्षा 11 के हिन्‍दी दिगंत भाग 1 के किसी भी पाठ को आसानी से समझ सकते हैं और उस पाठ के प्रश्‍नों का उत्तर दे सकते हैं। जिस भी पाठ को पढ़ना है उस पर क्लिक कीजिएगा, तो वह पाठ खुल जाऐगा। उस पाठ के बारे में आपको वहाँ सम्‍पूर्ण जानकारी मिल जाऐगी।

Class 11th Hindi Solutions Notes हिन्‍दी के सम्‍पूर्ण पाठ का व्‍याख्‍या

Bihar board class 11th Hindi Dingant 100 Marks Solutions गद्य खण्ड

  • Chapter 1 पूस की रात (प्रेमचंद)
  • Chapter 2 कविता की परख (रामचंद्र शुक्ल)
  • Chapter 3 आँखों देखा गदर (विष्णुभट्ट गोडसे वरसईकर)
  • Chapter 4 बेजोड़ गायिका : लता मंगेशकर (कुमार गंधर्व)
  • Chapter 5 चलचित्र (सत्यजित राय)
  • Chapter 6 मेरी वियतनाम यात्रा (भोला पासवान शास्त्री)
  • Chapter 7 सिक्का बदल गया (कृष्णा सोबती)
  • Chapter 8 उत्तरी स्वप्न परी : हरी क्रांति (फणीश्वरनाथ रेणु)
  • Chapter 9 एक दीक्षांत भाषण (हरिशंकर परसाई)
  • Chapter 10 सूर्य (ओदोलेन स्मेकल)
  • Chapter 11 भोगे हुए दिन (मेहरुन्निसा परवेज)
  • Chapter 12 गाँव के बच्चों की शिक्षा (कृष्ण कुमार)

Bihar Board class 11th Hindi solutions 100 Marks Solutions पद्य खण्ड

  • Chapter 1 विद्यापति के पद
  • Chapter 2 कबीर के पद
  • Chapter 3 मीराबाई के पद
  • Chapter 4 सहजोबाई के पद
  • Chapter 5 भारत-दुर्दशा (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र)
  • Chapter 6 झंकार (मैथिलीशरण गुप्त)
  • Chapter 7 तोड़ती पत्थर (सूर्यकांत त्रिपाठी निराला)
  • Chapter 8 बहुत दिनों के बाद (नागार्जन)
  • Chapter 9 गालिब (त्रिलोचन)
  • Chapter 10 जगरनाथ (केदारनाथ सिंह)
  • Chapter 11 पृथ्वी (नरेश सक्सेना)
  • Chapter 12 मातृभूमि (अरुण कमल)

Bihar Board Class 11th Hindi Solutions Notes प्रतिपूर्ति

  • Chapter 1 पागल की डायरी (लू शुन)
  • Chapter 2 नया कानून (सआदत हसन मंटो)
  • Chapter 3 सफेद कबूतर (न्गुयेन क्वांग थान)

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आशा करता हुँ कि आप को हिन्‍दी के सभी पाठ को पढ़कर अच्‍छा लगेगा। इन सभी पाठ को पढ़कर आप निश्चित ही परीक्षा में काफी अच्‍छा स्‍कोर करेंगें। इन सभी पाठ को बहुत ही अच्‍छा तरीका से आसान भाषा में तैयार किया गया है ताकि आप सभी को आसानी से समझ में आए। इसमें हिन्‍दी गद्य भाग और पद्य भाग के सभी पाठ को समझाया गया है। यदि आप बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिन्‍दी दिगंत भाग 1 से संबंधित किसी भी पाठ के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे कमेन्‍ट बॉक्‍स में क्लिक कर पूछ सकते हैं। यदि आप और विषय के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो भी हमें कमेंट बॉक्‍स में बता सकते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

 

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अर्धनारीश्वर पाठ का सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या | Ardhnarishwar Class 12 Hindi Objective and Subjective Solutions

September 2, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 12 हिंदी के पाठ चार ‘अर्धनारीश्वर (Ardhnarishwar Class 12 Hindi) ‘ के सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Ardhnarishwar Class 12 Hindi

4. अर्धनारीश्वर
(रामधारी सिंह दिनकर)

लेखक परिचय

जन्‍म : 23 सितम्बर 1908 निधन : 24 अप्रैल 1974
जन्म स्थान : सिमरिया, बेगूसराय, बिहार
माता-पिता : मनरूप देवी और रवि सिंह
शिक्षा : आरंभिक शिक्षा गाँव में, 1928 में मोकामा घाट रेल्वे हाई स्कूल से मैट्रिक,1932 में पटना कॉलेज से बी.ए.(इतिहास)
साहित्यिक अभिरुचि : 1925 में छात्र सहोदर पहली कविता प्रकाशित, छात्र जीवन में देश, प्रकाश, प्रतिमा जैसे अनेक रचनाएँ प्रकाशित हुई।

कृतियाँ—

प्रमुख काव्य : प्रणभंग (1929), रेणुका (1935), हुंकार (1938), रसवंती (1940), कुरुक्षेत्र (1946), रश्मिरथी (1952), नीलकसम (1954), उर्वशी (1961), परशुराम की प्रतीक्षा (1963), कोमलता और कवित्‍व (1964), हारे को हरिनाम (1970) आदि।

प्रमुख गद्य रचनाएँ : मिट्टी की ओर (1946), अर्द्धनारीश्‍वर (1952), संस्कृति के चार अध्याय (1956), काव्य की भूमिका (1958), वट पीपल (1961), शुद्ध कविता की खोज (1966), दिनकर की डायरी (1973) आदि।

सम्मान : संस्कृति के चार अध्याय के लिए साहित्य अकादमी पुरस्‍कार और उर्वशी के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, पद्मभूषण से सम्मानित।

रामधारी सिंह दिनकर राष्ट्रकवि के नाम से विख्यात हैं।

रामधारी सिंह दिनकर जितने बड़े कवि थे, उतने बड़े गद्यकार थे। यह छायावादोत्तर युग के प्रमुख कवि हैं।

4. अर्धनारीश्वर का सारांश

प्रस्तुत निबंध ‘अर्धनारीश्वर’ पाठ के निबंधकार रामधारी सिंह दिनकर हैं। इनका जन्म 23 सितम्बर 1908 ई० को बिहार के सिमरिया गाँव में हुआ था। दिनकर जी को ‘राष्ट्रकवि‘ कहा जाता है।

इस पाठ में निबंधकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ कहते हैं कि अर्धनारीश्वर शंकर और पार्वती की कल्पित रूप का वर्णन किया गया हैं। जिनमें आधा अंग पुरूष और आधा नारी का होता है। एक ही मूर्ति के दो आँखें, एक ममतामयी और दूसरी विकराल यानी शिव की आँख विकराल है और पार्वती की आँखें ममतामयी है। एक ही मूर्ति की दो हाथ, एक हाथ से त्रिशूल उठाए, तो दूसरी में चूड़ियाँ हैं, एक ही मूर्ति के दो पाँव एक जड़ीदार साड़ी से ढ़का हुआ और दूसरा बाघ की खाल से ढ़का हुआ है।

अर्धनारीश्वर की कल्पना से कुछ इस बात का भी पता चलता है कि नर-नारी पुरी तरह समान है और एक साथ ही एक गुण दूसरे का दोष नहीं हो सकता। यानी नर में नारीयों का गुण आए तो उनकी मरियादा बुरी नही होती या नारी में नर का गुण आए, तो नारी की मरियादा धूमिल नहीं होती। बल्कि उनकी मरियादा में वृद्धि होती है।

नारी समझती है कि उसके अंदर अगर पुरूष के गुण आ जाए तो वह स्त्री नहीं रहेगी बल्कि वह नर बन जाएगी। ठीक उसी तरह नर समझता है कि नारी का गुण अगर उसके अंदर आ जाए तो वह नारी बन जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है। नारी के अंदर नर का गुण और नर के अंदर थोड़ा नारी होना जरूरी है। महिलाओं का गुण जैसे- दया, ममता, रोना आदि अगर  पुरूष के अंदर आ जाता है। तो उसे खराब नहीं, बल्कि उनके लिए और अच्छा हो जाता है। उसी तरह प्रत्येक स्त्री में पुरूष का गुण होता है लेकिन सिर्फ वह कोमल शरीर वाली पुरूष को आनंद देने वाली है।

लेखक मानते हैं कि जब गुणों का बँटवारा किया गया, तो पुरूषों ने नारीयों से राय नहीं पूछा। अपने मन से उसने जहाँ चाहा, नारी को बिठा दिया। नर ने स्‍वयं वृक्ष बन गया और नारी को लता बना दिया। अपने को नर ने वृंत बना लिया और नारी को लता बना दिया। उसी समय से धूप पुरूष और चाँदनी नारी है, ग्रीष्‍म नर और वर्षा मादा है।

लेखक कहते हैं कि जहाँ भी अधिकार की कोई भूमि हो, कर्म का कोई क्षेत्र या सत्ता पर अधिकार हो। उस पर नारी का नहीं, नर का कब्‍जा माना जाता है।

निबंधकार कहते हैं कि अगर आदि मानव आज मौजुद होते तो उन्हें भी आज आश्चर्य होता। उस समय पुरूष और नारी में कोई बँटवारा नहीं था। उस समय जब कोई जानवर उन पर हमला करता तो दोनों एक साथ उसका सामना करते थे। धूप-वर्षा में एक साथ घूमते थे। भोजन भी एक साथ इकट्ठा करते थे। लेकिन कृषि के खोज से पुरूष बाहर का कार्य करने लगा और महिलाएँ घर के अंदर चारदिवारी में रहने लगी। घर का जीवन सीमित हो गया और बाहर का जीवन असीमित हो गया।  यहीं से पुरूष और स्त्रियों में विभाजन शुरू हो गया। जिंदगी दो टूकड़ों में बँट गई। नारी की जिंदगी पूरूषों के अधीन हो गई।

कवि आगे कहते हैं कि पशु-पक्षीयों में भी ऐसा बँटवारा नहीं होता है। उसमें भी नर और मादा दोनों एक साथ हर काम को करते हैं। आज हर आदमी अपनी पत्नी को फूलों को आनंद की वस्तु समझता है। नारीयों का पुरूषों के गुलामी के कारण उसके सुख और दुख, प्रतिष्‍ठा और अप्रतिष्‍ठा, यहाँ तक कि जीवन और मरण पुरूषों की मर्जी पर टिकने लगा। सारा मुल्‍य इस बात पर रूका कि पुरूषों को नारीयों की आवश्‍यकत है या नहीं। नारी को अपने जीवने में रखने या नहीं रखने का अधिकार पुरूषों पर निर्भर करने लगा।

भगवान बुद्ध और महावीर  स्‍वामी ने नारीयों को कुछ अधिकार दिया। लेकिन जैन धर्म में दिगम्बर संप्रदाय निकला जिसने नए नियम बनाया कि नारीयों को मुक्ति मिल नहीं सकती है। बुद्ध ने अपने प्रिय शिष्य आनंद के कहने पर नारियों को बौद्ध धर्म में प्रवेश की अनुमति दिया। लेकिन कहा कि मैंने सोचा था कि यह मेरा चलाया गया धर्म पाँच हजार वर्ष तक चलेगा पर नारी के प्रवेश आ जाने से अब केवल पाँच सौ वर्ष ही चलेगा। इस प्रकाश बुद्ध ने भी नारीयों का अपमान किया।

महात्मा और साधु नारियों से डरते थे। कई महात्माओं ने नारीयों से शादी भी किया और बाद में उसकी बुराई भी की। कबीर भी नारी को महाविकार कहा है।

अपनी कमजोरी छिपाने के लिए पुरूष नारी को ‘नागीन’ या ‘जादूगरनी’ कहता है लेकिन यह बात सच है कि पुरूष में जादूगर और नाग का गुण नारी से कहीं ज्यादा होता है।

नारी की बुराई करते हुए कलम के सिपाही प्रेमचन्द कहते हैं कि पुरूष नारी का रूप लेता है तो वह देवता बन जाता है लेकिन वहीं जब पुरूष का रूप नारी ग्रहण करती है तो राक्षसी बन जाती है।

रवीन्द्रनाथ मानते हैं कि नारी पढ़-लिखकर क्या करेगी। नारी का मतलब सुंदर दिखना, पृथ्वी की शोभा बढ़ाना और प्रेम की प्रतिमा बनने में है।

लेखक कहते हैं कि नारीयों की इतनी अवहेलना यानी बेइज्जती के बावजूद भी वह कभी बुरा नहीं मानतीं। नारीयों को यह भी सुनने में बहुत अच्छा लगता है कि नारी सपना है, नारी सुगंध है, नारी पुरूष की बाँहों पर झूलती हुई जुही की माला है, नारी नर के वक्षस्‍थल पर मंदार फूल का हार है। नर नारीयों के अंदर उठने वाले स्‍वतंत्रता को धीमा रखना चाहते हैं।

अब नारीयों को विकार और पुरूषों की बाधा नहीं मानी जाती है। वह प्रेरणा का उद्गम और शक्ति का स्‍त्रोत है। नारी भी अब सभी प्रकार के कार्य करने लगी है। लेखक का मानना है कि फिर भी, नारी अपनी सही जगह पर नहीं पहुँची है।

दिनकर जी यह भी कहते हैं कि प्रत्येक नर एक हद तक नारी है और नारी बनना अधिक जरूरी है। वह कहते हैं कि पुरुष इतना कर्कश औश्र क्‍ठोर हो उठा है कि युद्धों में रक्‍त बहाते समय यह ध्‍यान नहीं रहता कि रक्‍त के पीछे किसका सिंदूर बहनेवाला है, उन सिंदूरवालीयों का क्‍या हाल होगा। लेखक कहते हैं कि कौरवों की सभा में अगर संधि कृष्‍ण और दुर्योधन के बीच न होकर कुंती और गंधारी के बीच हुई होती, तो बहुत संभव था कि महाभारत का युद्ध नहीं होता।

नारी कोमलता का आरधना करते-करते इतनी कोमल हो गई कि उसे कमजोर कहा जाने लगा। लेखक कहते हैं कि नर में भी कोमलता का विकास करना चाहिए।

मार्क्‍स और गाँधी इस ओर संकेत करते हैं कि नारी से दूर भागना मूर्खता है। नारी केवल नर को रिझाने या उसे प्रेरणा देने के लिए नहीं बनी है। नर जिसे अपना कर्मक्षेत्र मानता है, नारी का भी कर्मक्षेत्र वहीं हैं।

गाँधीजी ने नारीत्व की भी साधना अपने जीवन में की थी। उनकी पोती जो पुस्तक लिखी उसका नाम ‘बापू मेरी माँ’ है। जिसमें पुरूषों में उपस्थित नारीयों के गुण जैसे दया, क्षमा इत्यादि को बतलाया गया है।

इस निबंध में लेखक रामधारी सिंह दिनकर ने स्त्रियों के सम्मान को बढ़ाने पर बल दिया है । उन्होने गाँधी और मार्क्स के विचारों की वकालत की है जिन्होंने नारी जाति के सम्मान की बात कही है।

4. अर्द्धनाश्‍वर : रामधारी सिंह ‘दिनकर‘

Ardhnarishwar Class 12 Hindi Objecitve Question

प्रश्न 1. ‘दिनकर’ किस युग के कवि थे ?
(क) द्वि‍वेदी युग
(ख) छायावादी युग
(ग) छायावादोतर युग
(घ) भारतेन्‍दु युग

उत्तर- (ग) छायावादोतर युग

प्रश्न 2. रामधारी सिंह दिनकर का जन्‍म कहाँ हुआ था ?
(क) इटारसी, मध्‍यप्रदेश
(ख) ढाका, बंगाल
(ग) लमही, वाराणसी
(घ) सिमरिया, बेगूसराय, बिहार

उत्तर- (घ) सिमरिया, बेगूसराय, बिहार

प्रश्न 3.  रामधारी सिंह दिनकर का जन्‍म कहाँ हुआ था ?
(क) 22 सितम्‍बर, 1907
(ख) 23 सितम्‍बर, 1908
(ग) 24 सितम्‍बर, 1909
(घ) 25 सितम्‍बर, 1910

उत्तर- (ख) 23 सितम्‍बर, 1908

प्रश्न 4.  रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का निधन कब हुआ था ?
(क) 22 अप्रैल, 1972
(ख) 23 अप्रैल, 1973
(ग) 24 अप्रैल, 1974
(घ) 25 अप्रैल, 1975

उत्तर- (ग) 24 अप्रैल, 1974

प्रश्न 5. किसने कहा हैं- ‘नारी की पराधीनता तब आरम्‍भ हुए जब मानव जाति ने कृ‍षि का आविष्‍कार किया जिसके चलते नारी घर में और पुरूष बाहर रहने लगा ।’
(क) प्रेमचंद
(ख) दिनकर
(ग) रवीन्‍द्रनाथ
(घ) बनार्ड शा

उत्तर- (ख) दिनकर

प्रश्न 6.  किस रचनाकार की पंक्तियाँ हैं ? ‘नारी सुगंध हैं, नारी पुरूष की बाँह पर झूलती हुई, जूही की माला हैं।’
(क) प्रेमचंद
(ख) अज्ञेय
(ग) मोहन राकेश
(घ) रामधारी सिंह दिन‍कर

उत्तर- (घ) रामधारी सिंह दिन‍कर

प्रश्न 7. नर और नारी के क्‍या काम हैं ?
(क) नर-नारी और नारी नर हो गयी है ।
(ख) नर कुदाल चलाने वाला बलशाली किसान और नारी का काम अछोरना – पछोरना हैं ।
(ग) नर चाय बनाता हैं , नारी खाना पकाती हैं ।
(घ) नारी नौकरी करती है , नर खाना बनाता हैं ।

उत्तर- (ख) नर कुदाल चलाने वाला बलशाली किसान और नारी का काम अछोरना–पछोरना हैं ।

प्रश्न 8. कामिनी तो अपने साथ ……… की शांति लाती हैं । खाली जगह को भरें ।   
(क) दामिनी
(ख) गामिनी
(ग) यामिनी
(घ) शायनी

उत्तर- (ग) यामिनी

प्रश्न 9. दिनकर को किस गद्य–पुस्‍तक पर साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार मिला था ?
(क) अर्धनारीश्‍वर
(ख) शुद्ध कविता की खोज
(ग) संस्‍कृति के चार अध्‍याय
(घ) दिनकर की डायरी

उत्तर- (ग) संस्‍कृति के चार अध्‍याय

 प्रश्न 10. दिनकर को किस काव्‍य–पुस्‍तक पर भारतीय ज्ञानपीठ का पुरस्‍कार मिला था ?
(क) हुंकार
(ख) रश्मिरथी
(ग) कुरूक्षेत्र
(घ) उर्वशी

उत्तर- (घ) उर्वशी

प्रश्न 11. ‘दिनकर’ की कविता का कौन–सा गुण नहीं था ?
(क) ओज गुण
(ख) मसृणता
(ग) पौरूष
(घ) प्रभावपूर्ण वाग्मिता

उत्तर- (ख) मसृणता

प्रश्न 12. अर्द्धनारीश्रर कल्पित रूप हैं  
(क) राधा–कृष्‍ण का
(ख) शंकर और पार्वती का
(ग) राम और सीता का
(घ) गणेश और लक्ष्‍मी का

उत्तर- (ख) शंकर और पार्वती का

प्रश्न 13. दिनकर के माता–पिता  का क्‍या नाम था ?
(क) गंगा देवी और प्रेम कुमार सिंह
(ख) संजीव और नारायण जिद
(ग) विद्यावति देवी एवं कला प्रसाद सिंह
(घ) मनरूप देवी एवं रवि सिंह

उत्तर- (घ) मनरूप देवी एवं रवि सिंह

प्रश्न 14. दिनकर जी की पत्‍नी का नाम क्‍या था ?
(क) श्‍यामवति देवी
(ख) प्रभावति देवी
(ग) मनरूप देवी
(घ) प्रमरूपावति देवी

उत्तर- (क) श्‍यामवति देवी

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कक्षा 11 हिंदी पाठ 11 भोगे हुए दिन | Bhoge hue din class 11th hindi

September 2, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी पाठ 11 ‘भोगे हुए दिन (Bhoge hue din Class 11 Hindi) ‘ के सारांश और व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Bhoge hue din

11. भोगे हुए दिन
लेखक-मेहरून्निसा परवेज

लेखिका इस पाठ के माध्यम से हमें संदेश देना चाहतें हैं कि जो शांदा साहब है वह एक शायर है जो पहले कहीं भी शायरो मशवेरा होता तो वहाँ शांदा साहब को बुलाया जाता लेकिन अब नहीं। सामीम पुराने शायर शांदा साहब के घर आते हीं शांदा साहब बहुत खुशी महसुस करतें हैं। और कहते तो बरखुरदार इस बुड्ढ़े की याद आ गई। शांदा साहब अपने दस साल के एक लड़के को सुटकेश अपने कमरे में रखने के लिए बुलाते है। लड़का आता है और सुटकेश लेकर चला जाता है|

लेखिका कहती है कि समीम देखते हैं कि वहाँ पर एक आम के पेड़ के पीचे छाया में बैठी ऐ लड़की जो लकड़ी बेंचने के लिए बैठी है जिसका कपड़ा बहुत हीं ज्यादा गंदा है। और उनके घर उदास सा मालुम पड़ता था। संदा साहब की बुड्ढ़ी औरत जो कुँए के पास कपड़ा धोती हुई नजर आती है। समीम उनसे सलाम करते हैं। शांदा साहब परिचय देते हुए कहते हैं कि अरे बेगम यह तो अपना जगदलकुर वाला समीम है। जब शांदा साहब बाहर जाते हैं तो समीम अपना सुटकेश से कपड़ निकालता है और फ्रेस होकर अपना कपड़ा बदलते है। समीम देखता है कि शांदा साहब अपने हाथों में आठ आने वाली चाय की एक पुरिया लिए आ रहे हैं और तराजू के पास बैठी वह लड़की लकड़ी तौल-तौल कर दे रही है। जावेद सोफिया के पास जाता है और कहता है आठ आने दे नानी बोली है। फिर सोफिया वो आठ आने अपने जेब से निकालकर दे देती है।

लेखिका कहती है कि जब समीम सोफिया के पास आता है तो वह देखता है कि अच्छे-अच्छे घराने के भी औरतें यहाँ पर बिड़ी बनाती है। शांदा साहब की एक बेटी जो प्राइमरी स्कूल की टिचर है जिसके दो बच्चे जावेद एवं सोफिया है। सोफिया कि अम्मा उसे घर पर हीं पढ़ाती है। वह जावेद अभी तीसरी स्कूल में पढ़ता है लेखिका कहती है कि इसके पहले जावेद गर्मियों में माशयरा रखा गया था तो संदा साहब को एक अध्यक्ष के रूप में बुलाया था। जावेद, समीम को बुलाकर घर के अंदर ले जाता है जहाँ शांदा साहब बैठे हैं। और अच्छे तरह से नाश्ता करते हैं। संदा साहब ज्यादा बुड्ढ़ा हो जाने के कारण इन्हें कहीं भी मुशायरा में नहीं बुलाया जाता है। किसी तरह इनकी लड़की स्कूल में पढ़ाकर एवं लकड़ी की धंधा कर अपना खर्चा चला रहें है। शांदा साहब की लड़की स्कूल से छुट्टी होते हीं फातमा घर को आ जाती है और थकान होनें के कारण वह खाट पर लेट जाती है।

लेखिका कहती है कि समीम सोंच ही रहा था कि कल सुबह घर के लिए निकलेंगे लेकिन उनका लगाव घर वालों से कुछ ज्यादा ही हो गया था। शांदा साहब अपने बारे में कुछ विशेष बिते बातों का जिक्र करते हैं कि एक दिन था जो मेरा शायरी सुनने के लिए लोग दौड़े भागे आते थें। और आज कोई पुछता तक नहीं। सब ने मुझे भुला दिया। शांदा साहब एक फाइल लोते और उसमें से सभी कागजात निकालतें हैं और समीम को पढ़ने के लिए देते हैं। वह सब खत पुरानी सायरो का है जो शांदा साहब से उन सभी सायरों ने कहा था। जो इन्हें अच्छे तरह से जानते हैं। शांदा साहब कहते हैं जब किसी शायरो की शायरी में कुछ भी गलती होता तो मैं उसे सुधारता लेकिन आज हमें कोई नहीं पुछता है। संदा साहब निराश मालुम पड़ते है किसी भी शायर को उस समय मर जाना चाहिए था जब लोग उन्हें चाहने लगें।

लेखिका कहती है कि समीम जब शाम के समय सामान खरीदकर लोटता तो सबकुछ शांत मालुम पड़ता है फिर वह उसी कमरे में जाता है और वहाँ शांदा साहब और उनकी नतनी सोफिया काम कर रहे होते हैं। फिर समीम वापस बाहर आ जाता है। इधर जावेद लकड़ियाँ तौल रहा था समीम को अपने घर जाने का वक्त नजदीक आ जाता हैं जावेद, समीम से हाथ मिलाकर स्कूल चला जाता है। सोफिया फिर से उसी तरह बाल बिखराए बैठ जाती है। समीम को जाते देख शांदा साहब निराश मालुम पड़ते हैं और इसी तरह समीम अपने घर को चला जाता है।

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कक्षा 11 हिंदी पाठ 10 सूर्य का व्‍याख्‍या | Surya Class 11 Hindi Solutions

September 2, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी पाठ 10 ‘सूर्य (Surya Class 11 Hindi) ‘ के सारांश और व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

surya class 11 hindi

10. सूर्य
लेखक-ओदोलेन स्मेकल

लेखक ओदोलेन स्मेकल द्वारा लिखा गया ‘‘सूर्य’’ के इस पाठ सूर्य के बारे में अधिक जानकारी ली गई है।
लेखक कहते हैं आखिर सूर्य क्या है? क्या यह एक पहिए वाला सुनहरा रथ है क्या, यह वह देखता है? जो पुरे संसार के गतिविधियों पर नजर रखता है, आखिर ये है क्या?

लेखक के अनुसार जो भारतीय पौराणि कथाओं के अनुसार सूर्य के माता एवं पिता अदिति एवं कश्यप जिसके आठ बच्चे हैं। जिसमें बताया गया है कि सूर्य उन में से आठवाँ बच्चा जो एक अंडे की आकार के है। जिससे उनका माता-पिता उन्हें परित्याग कर देते हैं। दुसरा किस्सा के मुताबिक अदिति के सात पत्र बताया गया है। जिसे ब्रहमांड की सृजन करने को कहा जाता है। लेकिन इसमें वे सब असमर्थ रहें। क्योंकि वे सिर्फ जन्म को हीं जानतें है मृत्यु को नहीं। वे दिन-रात कि सृजन करते हैं। सूर्य को जीवन एवं मृत्यु की प्रतिक माने जाते हैं। इनकी विवाह विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से होती है। जिससे उनके तीन बच्चे भी हुए। 1. वैवस्वत 2. यम एवं यमुना।

लेकिन यहाँ पर सूर्य का तेज संज्ञा नहीं कर पाता और वह अपनी छाया को सूर्य के पास छोड़ घोड़ी के रूप ग्रहण तप करने चली जाती है। छाया से शनि, सावर्णि मनु एवं तपति नाम के तीन पुत्र जन्म लिए। सूर्य के सारथी का नाम अरूण है सूर्य संज्ञा को ढ़ुढ़ने के लिए पुरे ब्रहमांड को ढ़ुढ़ते है संज्ञा के दो बच्चे जिनका नाम नासत्य एवं दस जिन्हें अश्चिनी कुमार कहा जाता है। रामजी का जन्म भी सूर्यवंश में हुआ था। जो विष्णु के सातवं अवतार बताए गए हैं। सूर्य की पुजा प्रत्येक महिने अलग-अलग नाम से की जाती है। साथ सूर्य के अलग-अलग कार्य के अनुसार नाम भी दिया गया है। लेखक कहते हैं कि ज्ञानवय ऋषि वेदों की शिक्षा सूय से ही की है। गरूड़ को भी सूर्य का प्रतिक माना जाता है। क्योंकि जिस तरह सूर्य अंधकार को खा जाता है ठीक उसी तरह साँप रूपी अंधार गरूड़ खा लेती है। भारत में कोणार्क का सूर्य मंदिर सबसे ज्यादा प्रचलित है।

फ्रांस के लोग तो सूर्य को मिथरा कहते है जो सभी दुःख को हरता है होमर द्वारा सूर्य देवता को देवताओं का हाईप्रियन पिता कहा गया है। सूर्य को अहुरमज्दा की आँख और तेज घोड़ा कहा जाता है मिथराई के अनुसार सूर्य का जन्म 25 दिसम्बर को हुआ है। जिसे क्रिसमस के रूप में माना जाता है। ऋगवेद में सूर्य को ईश्वर की सबसे खुबशुरत कहा गया है। प्रचीन भारत में भी सूर्य के मंदिर को आदित्य गृह कहा जाता है। लेखक का मानना है कि सूर्य का पूजा सिर्फ बिहार में ही बहुत बड़े स्तर पर की जाती है जैसे छठ पूजा बड़े हीं लोकप्रियता से मनाई जाती है। काफिरिस्तान जो अफ्गानिस्तान एवं पाकिस्तान के सीमा पर है। वहाँ पर भी सूर्य की पूजा की जाती है।

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9. एक दीक्षांत भाषण कक्षा 11 हिंदी व्‍याख्‍या | Ek Dikshant Bhashan class 11 Hindi

September 2, 2022 by Raja Shahin Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 11 हिंदी के पाठ नौ ‘एक दीक्षांत भाषण’ (Ek Dikshant Bhashan class 11 Hindi) कहानी का सारांश और सम्‍पूर्ण कहानी को पढ़ेंगेंं।

Ek Dikshant Bhashan class 11 Hindi

 

9. एक दीक्षांत भाषण
लेखक हरिशंकर परसाई

हरिशंकर परसाई द्वारा रचित यह ‘एक दीक्षांत भाषण’ जिसमें वर्तमान में हो रहे भष्टचार का उचित विवेचना किया गया है। एक विश्वविद्यालय में बुलवाए जाते हैं नेताजी मंच पर और देखें की छात्र से ज्यादा पुलिस कर्मी है। यहाँ पर सरकारी कर्मी एवं सरकार कि भी विशेष रूप से बात की जा रही है। छात्र हल्ला-गुल्ला एवं हुटिंग करते हैं नेता जी छात्रां को अश्वासण दिलाते हुए कहते हैं छात्रो आप सब शांत हो जाओ मै आप सबो के हुटिंग के लिए और भी योजना बनाई गई है। यहाँ पर थोड़ा सा छात्रो के भविष्य के बारे मे भी बात की गई है। नेताजी का कहना है कि मैं अनपढ़ जनता की हुटिंग में उब चुका हूँ। लेकिन यहाँ छात्रो द्वारा किए गए हुटिंग से नेता जी के लिए तो गौरव की बात कही गई है। यहाँ स्टेज पर नेताजी द्वारा बृहस्पति जी को खुद से तुलना करते हैं। और कहते जो ज्ञानी है वह कायर होता है मैं तो साहजी हुँ। इसी तरह नेताजी की भाषण चलती रहती है छात्रों का उग्र रूप सामने मालुम पड़ता है छात्र नेताजी को कंकड़ मारने लगते हैं फिर भी नेताजी की भाषण जारी रहता है। मंत्रीजी द्वारा कंकड़ के बदले अंडे फेंकने की बात कही गई है आज-कल के नौजवान छात्र एवं छात्राओ की चरित्र का भी वर्णन किया गया हैं। नेताजी द्वारा सभी नवयुवक छात्र, छात्राओं को डिग्री लेने के लिए नकल, पेपर आउट एंट शिक्षकों से मारपीट करने को कहा गया है। मंत्री सभी छात्र-छात्राओं से अप्पील करते हैं कि आपलोग राजनीतिक में मत आइएगा। ताकी हमारा सरकार रह सके, यहाँ समारोह में बिना पास किए हुए डिग्री लेने की भी चर्चा की गई है। नेताजी कहते हैं मैं कानूनी तौर पर नहीं होता तो आज मुझे कोई डॉक्टर, कम्पाउडर भी नहीं बनाता। Ek Dikshant Bhashan class 11 Hindi

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